सत्ता बदलते ही अवैध चखना दुकान को हटाया गया
कोरबा (खटपट न्यूज)। राजधानी और न्यायधानी के बाद ऊर्जाधानी में भी अवैध चखना दुकानों पर कार्रवाई की शुरुआत हो गई है। आज शहर से लेकर उप नगरों और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अवैधानिक चखना दुकानों पर जेसीबी से ढहाने की कार्रवाई की गई। निगम और प्रशासनिक अमले ने कार्रवाई के साथ ही संबंधित लोगों को दोबारा अवैध चखना दुकान नहीं लगाने की हिदायत भी दी है।
छत्तीसगढ़ और कोरबा में सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही इस बात की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी कि बुलडोजर की तर्ज पर यहां भी कार्रवाई होगी। राजधानी रायपुर में तो परिणाम आने के दूसरे दिन से ही पुलिस प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी थी, जिसके आधार पर कयास लगाए जा रहे थे कि कोरबा में भी ऐसा कुछ होगा। आज नगर निगम सहित प्रशासन के अमले ने राजस्व विभाग से तहसीलदार की मौजूदगी में आबकारी एवं पुलिस अमले के साथ क्षेत्रों में संचालित अवैध चखना दुकानों पर कार्रवाई की। पहले दिन तानसेन चौक से बालको जाने वाले मार्ग पर रामपुर शराब भट्ठी के निकट तथा मुड़ापार, ग्राम दादर में संचालित चखना दुकानों पर कार्रवाई की गई। इसी तरह उरगा थाना अंतर्गत ग्राम बरपाली में अंग्रेजी शराब दुकान के पास संचालित चखना दुकानों को बन्द कराया गया और दुबारा संचालित न करने हेतु सख्त हिदायत भी दी गई। इस चखना दुकान को हटाने के लिए कई बार स्थानीय लोगों ने मांग किया था किन्तु कार्रवाई संबंधित के ऊंचे पहुंच के कारण नहीं हो पा रही थी। सत्ता बदलते ही अवैध चखना दुकान को हटा दिया गया, इससे क्षेत्रवासियों में खुशी का माहौल है। प्रशासन की यह कार्रवाई अभी लगातार जारी रहेगी।
0 अतिक्रमणकारियों में भी मची है हड़कंप
नगर निगम क्षेत्र से लेकर जिले भर में अतिक्रमण की बाढ़ पिछले वर्षों में रही। लोगों ने जहां पाया वहां सरकारी जमीनों पर ठेले, खोमचे, दुकान निर्माण कर अतिक्रमण कर लिया है। अतिक्रमण के कारण आम लोगों को काफी परेशानी होने के साथ-साथ आगामी सरकारी विकास निर्माण कार्यों एवं योजनाओं पर काम करने के लिए जमीन की कमी भी बनेगी। अतिक्रमण की वजह से बुधवारी बाईपास व कुआंभट्ठा मार्ग की बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैधानिक कब्जा बड़े पैमाने पर हो रहा है वहीं इस क्षेत्र की हरियाली को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अतिक्रमणकारियों में भी अब नए सरकार में प्रशासन के सख्त रवैये से हड़कंप मची हुई है। इससे पहले जब भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का प्रयास किया गया, अमले को विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन अब सरकार की सख्ती के सामने अतिक्रमणकारियों की दाल नहीं गलेगी।