कोरबा (खटपट न्यूज़)। प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गौठान योजना और सड़क पर घूमने वाले मवेशियों को रखने के लिए कांजी घर की व्यवस्था की हकीकत किसी से छिपी नहीं है। बेजुबानों को मालिक उनके हाल पर छोड़कर बेफिक्र तो हो जाते हैं किंतु दूसरे लोग भी अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ लेते हैं। किसी बेजुबान की गलती पर उसे दुबारा ऐसा करने से रोकने के उपाय अपनाने की जगह स्वयं दण्ड देने पर उतारू हो जाते हैं। ऐसी ही क्रूर मानसिकता वाले किसी अज्ञात शख्स ने 3 बेजुबानों को अपना खेत-बाड़ी चरने की जो सजा दी, उसे सुनकर ही दिल भर जाए।
दरअसल निगम क्षेत्र के रिसदी बस्ती से लगे एक खेत में बुधवार से तीन दिन पहले यहीं के एक निवासी के 3 भैंस घुस गए और फसल को चरने लगे। इसकी जानकारी होने पर खेत मालिक वहां पहुंचा और तीनों भैस के जांघ के पास लोहे के जीआई तार से कसकर बांध कर छोड़ दिया। इससे जब दो दिन बाद भैसों को जख्म हुआ तो बस्ती के नवधा पंडाल के पास लाकर तीनों के अगले पैर रस्सी से बांधकर छोड़ दिया। आज जब इस घटना की जानकारी स्थानीय गौ सेवक ने बाल गोपाल गौ सेवा समिति, कोरबा के पदाधिकारियों को दी तो वे रिसदी बस्ती पहुंचे। यहां रेस्क्यू के दौरान कुछ लोगों द्वारा विरोध करने की सूचना पर डायल 112 की टीम व रामपुर चौकी के एएसआई माधव तिवारी भी पहुंच गए थे।
बाल गोपाल गौ सेवा समिति के राजकुमार सिंह, उमंग सोनी, राहुल श्रीवास, आशीष गोयल, विनय सिंह डहरवाल, धीरज शिन्दे ने पशु चिकित्सक डॉ. चंदन की मदद से तीनों भैसों के पैरों को तार व रस्सियों से मुक्त कराया। बांधी हुई जगह पर गहरे जख्म आने के साथ ही लिगामेंट भी क्षतिग्रस्त हुए। उपचार के बाद भैसों को मुक्त छोड़ दिया गया। राजकुमार सिंह ने बताया कि कुछ लोग भैसों को छोड़ने पर आपत्ति कर रहे थे जिन्हें शांत कर कहा गया कि कोई दिक्कत होने पर मवेशियों को गौठान या काँजीघर में भिजवाया जा सकता है पर इस तरह की बेरहमी न करें। इस पूरे वाकये के दौरान किसी ने भी न तो खेत मालिक और न ही पशु मालिक के बारे में कोई जानकारी दी और न ही ये लोग सामने आए।