कोरबा,(खटपट न्यूज़)। कोरोना वैश्विक महामारी ने लगभग यह पूरा साल आम और खास लोगों को उनके सभी परंपरागत तीज- त्योहारों से तो दूर रखा ही है, अब जो समूचा राष्ट्र जिस महापुरुष के लिए हर वर्ष कृतज्ञ होता आया है और जिसे राष्ट्रपिता की संज्ञा दी गई है उसी की ही जयंती पर कोरोना की काली छाया पड़ी है। कोरबा जिले में पूर्ण लॉकडाउन 23 सितंबर से 2 अक्टूबर तक जारी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जय जवान-जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 2 अक्टूबर को पूरे देश भर में मनाई जाती है। वैसे तो छत्तीसगढ़ प्रदेश के और भी जिलों में लॉकडाउन लगा हुआ है लेकिन वह गांधी जयंती से पहले खत्म होने जा रहा है। कोरबा ऐसा जिला है जहां 2 अक्टूबर की रात 12 बजे के बाद पूर्ण लॉकडाउन की समय अवधि खत्म होगी। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि कृतज्ञ राष्ट्र के कोरबा जिलावासी और बापू के प्रेमी उनकी जयंती मनाने, सर्वधर्म सभा करने, सामूहिक रूप से प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेरे कहिये…. रघुपति राघव राजाराम… भजन गाने, अस्पृश्यता निवारण दिवस के तौर पर आयोजन करने, बापू के प्रिय कार्य स्वच्छता को रेखांकित करते हुए स्वच्छता संबंधी आयोजन करने से भी वंचित हो रहे हैं। सवाल तो है कि बापू को नमन करने, उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करने कितने खास और आम लोग इकट्ठा हो सकेंगे अपने बापू के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने ? क्योंकि घरों से निकलना तो पूरी तरह प्रतिबंधित है।
0 गांधी व शास्त्री जयंती मनाने की अनुमति हो – सिन्हा
इन सब सवालों के बीच कोरबा के समाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मांग किया है कि पूरे देश में राष्ट्रपिता व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 2 अक्टूबर 2020 को मनाई जाएगी लेकिन कोरबा में कैसे मनाई जाएगी? इस पर जिला प्रशासन को चाहिए कि आम जनता द्वारा गांधी व शास्त्री जयंती मनाने तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर जयंती मनाने की अनुमति दी जाए। सिन्हा ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि 2 अक्टूबर को जयंती मनाने हेतु प्रातः 10 से 1बजे तक अनुमति दी जाए।