कोरबा-बालकोनगर, (खटपट न्यूज़)। कोविड-19 कोरोना जैसे संक्रामक महामारी से बचने -बचाने के लिए शासन से लेकर जिला प्रशासन अपने स्तर पर पूरी जद्दोजहद कर रहा है। दूसरी ओर शहर के कुछ ठेकेदार पुत्र एवं व्यापारी प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर एवं पर्यटन/पिकनिक स्थल पर मनाही के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर बिना किसी सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक चीजों का उपयोग किए बगैर बाल्को क्षेत्र के पर्यटन/पिकनिक स्थल काफी पॉइंट में मौज-मस्ती, शराब पार्टी और गाना- बजाना के साथ- साथ मजा लेते रहे।
बारिश के मौसम में काफी पॉइंट में बालको के एक काफी सक्रिय भाजपा नेता का भाई तथा कोरबा के एक युवा ठेकेदार के द्वारा आयोजित इस पार्टी में युवा ठेकेदार और व्यापारी 15 से 20 की संख्या में शामिल हुए । अब कोरोना वायरस संक्रमण काल में इस तरह की पार्टी के औचित्य पर सवाल उठना लाजमी है जबकि एक दिन पहले ही एक साथ 37 नए मामले सामने आए हैं। आखिर नियमों का पालन कराने वाले क्या कर रहे हैं ?-इससे बड़ा सवाल यह है कि आखिर उक्त पर्यटन /पिकनिक स्थल में अनुमति किसके द्वारा और क्यों दी गई, गेस्ट हाउस के दरवाजे किसकी अनुमति से खोले गए जबकि अभी पर्यटन स्थल खोले नहीं जा सकते/इसकी अनुमति नहीं है। हालांकि इस विषय में जानकारी दिए जाने के बाद कोरबा डीएफओ ने मौके पर टीम भेजकर कार्रवाई कराने की बात जरूर कही परंतु हुआ कुछ नहीं। सूत्र बताते हैं कि सूचना पर बालको थाना का स्टाफ और कुछ देर बाद एक बड़े पुलिस अधिकारी भी यहां पहुंचे थे लेकिन इन्हें कुछ नहीं मिला/सब कुछ शांत बताया गया। सवाल जायज है कि समाज के पढ़े-लिखे और समझदार वर्ग के लोग ही यदि इस तरह कोरोना की महामारी से निपटने के लिए शासन- प्रशासन के प्रयासों को अंगूठा दिखाते रहेंगे और अपनी मौज मस्ती के लिए यदि इस तरह से उल्लंघन करते रहेंगे तो भला कोरोना से जंग कैसे जीती जा सकेगी?
0 रसूखदार हैं तो बदल जाती हैं धाराएं !
बालको क्षेत्र के पर्यटन/पिकनिक स्थल कॉफी प्वाइंट के घटनाक्रम से विगत दिनों दर्री क्षेत्र में हुई कार्यवाही की याद ताजा हो गयी। ये दोनों मामले यह बताने के लिए काफी हैं कि यदि आप रसूखदार हैं तो कानून के हाथ छोटे होने के साथ ही कार्यवाही के तरीके भी बदल जाते हैं। दर्री के पुष्प पल्लव कालोनी के पास अटल आवास के एक मकान में शराब पार्टी व हुड़दंग करने, कालोनी का बोर तोड़ देने की सूचना पर दर्री पुलिस ने यहां से 10 लड़कों को पकड़ा लेकिन आरोपी सिर्फ 7 लोगों को बनाया। लाकडाउन को धता बताकर शराब सहित कोरबा बीच शहर से दर्री तक जा पहुंचे इन युवकों द्वारा बिना सुरक्षा उपाय और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर की जा रही सार्वजनिक शराबखोरी पर मामूली कार्यवाही की गई। चूंकि ये सभी रईस परिवारों से व एक युवक कलेक्ट्रेट की एक शाखा में पदस्थ मालदार बाबू का पुत्र था इसलिए धारा 144, कोविड-19 के नियम, महामारी नियंत्रण कानून की धारा से इन्हें पृथक रखने के लिए 3 व 4 आरोपी बनाकर दो अलग-अलग मामले सिर्फ आबकारी एक्ट के बनाये गए। आखिर कानून को अपनी जेब में रखने की सोच वालों के साथ यह उदारता किसलिए?