Sunday, September 8, 2024
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प्रधानमंत्री ने ईमानदार करदाताओं के लिए लॉन्च किया “पारदर्शी कराधान प्लेटफॉर्म” , देखें क्या है करदाताओं के लिए नई घोषणाओं की खासियत…..

नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के दौरान लगे लाकडाउन में केंद्र सरकार ने हर वर्ग को राहत दी थी और इसमें आम करदाता भी शामिल थे जिन्हें आयकर भरने के लिए जरूर वक्त दिया गया। अब इसी कड़ी में सरकार के प्रति करदाताओं का भरोसा बढ़ाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईमानदार करदाताओं के लिए कुछ नई घोषणाएं की हैं। इसे प्रत्यक्ष कर व्यवस्था में सुधार के रुप में भी देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर‘ पारदर्शी कराधान ( Transparent Taxation Platform ) लॉन्च किया है।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अब डरने की जरूरत नहीं। टैक्स के मामले में गलत तौर-तरीके अपनाना सही नहीं है। ईमानदार टैक्सपेयर्स की वजह से देश का सम्मान है। देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है।
उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म में कई बड़े बदलाव किए गए हैं जिनमें फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर चार्टर शामिल है। टैक्सपेयर चार्टर और फेसलेस असेसमेंट आज से लागू हो रहा है। वहीं फेसलेस अपील 25 सितंबर से लागू होगी। हमारा जोर हर नियम-कानून को लोगों पर केंद्रित करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में चल रहा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म का सिलसिला आज एक नए पड़ाव पर पहुंचा है। ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ (Transparent Taxation – HonoringTheHonest) 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का गुरुवार को लोकार्पण किया गया है। पिछले 6 सालों में अनबैंक को बैंकिंग, असुरक्षित को सुरक्षित और गैर फंडेंड को फंडेड बनाना हमारा फोकस रहा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा, रिफॉर्म के प्रति भारत की इसी प्रतिबद्धता को देखकर विदेशी निवेशकों का विश्वास भी भारत पर लगातार बढ़ रहा है। कोरोना के इस संकट के समय भी भारत में रिकॉर्ड एफडीआई का आना इसी का उदाहरण है। पहले 10 लाख रुपए के ऊपर के विवादों को लेकर सरकार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाती थी। ‘विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से कोशिश ये है कि ज्यादातर मामले कोर्ट से बाहर ही सुलझ जाएं। प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में टैक्स भी कम किया गया है। 5 लाख रुपये की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। कार्पोरेट टैक्स के मामले में हम दुनिया में सबसे कम टैक्स लेने वाले देशों में से एक हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि, टैक्स पेयर चार्टर (Taxpayer Charter) भारत के विकास की यात्रा में एक बड़ा कदम होगा। यह करदाता के अधिकारों और जिम्मेदारियों का संतुलन बनाएगा। दुनिया में कुछ ही देश है जो करदाता को इस तरह का सम्मान देते हैं। फेसलेस असेसमेंट कंप्यूटर द्वारा रेंडमली तय किए जाएंगे और वक्त-वक्त पर इनमें बदलाव भी होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आयकर प्रशासन और आयकर दाता आपस में संपर्क ना करें जिससे किसी भी तरह के दबाव की संभावना शून्य होगाी। वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 परसेंट की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 परसेंट पर आ गया है। स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है।
गुरुवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ की शुरुआत की जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी जुड़ी हुई थी। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ईमानदार करदाताओं का सम्मान और भ्रष्टाचार से मुक्त टैक्स सिस्टम देना पीएम मोदी के विजन का हिस्सा हैं। इस विजन को जमीन पर उतारने के लिए CBDT की कोशिश की है और सिस्टम को एक साथ रखा है।

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