कोरबा (खटपट न्यूज)। सुख-दुख हमारे जीवन के अतिथि की तरह हैं, जो आते जाते रहते हैं। सुख-दुख को एक दूसरे को बांटते रहना चाहिए, इससे मन में सहज भाव पुष्ट होता है। वे मनुष्य को सहज बनाने के लिए उपदेश देते फिर रहे हैं।
उक्त विचार शुक्रवार को दीनदयाल मार्केट स्थित पीली कोठी में आयोजित पत्रकारवार्ता में मध्यप्रदेश से आए डॉ. पंडित सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आध्यात्म उन्हें विरासत में मिली है और वे अपने पिता चैतन्य गोस्वामी से किशोरवय अवस्था में ही दीक्षा लेकर देश-विदेश तक लोगों को सहजता का पाठ पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना व्यवसायिक चिंतन के आध्यात्म एवं सनातन धर्म तथा हमारी विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में ही जन्म लेकर देश-विदेश तक भगवत गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानव वही श्रेष्ठ है जो आध्यात्मिक रूप से धनवान है, न कि भौतिक रूप से धनवान व्यक्ति। भक्ति में ही उत्सव है और जीवन में सदैव उत्सव मनाते रहना चाहिए, यही जीवन का सार है। एमपी नगर निवासी दर्शन परिवार द्वारा दीनदयाल मार्केट स्थित पीली कोठी में 24 से 30 दिसंबर तक संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। पंडित सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामी ने पत्रकारों के पूछे सवाल को सहज ढंग से जवाब दिया। कथा वाचक पूज्य गुरूदेव डॉ. पंडित सुरेन्द्र बिहारी गोस्वामी व्यासपीठ से प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से भागवत कथा का रसपान श्रद्धालुओं को करा रहे हैं। इस अवसर पर दर्शन परिवार के सदस्य उपस्थित थे।