Saturday, July 27, 2024
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मवेशियों के अज्ञात महामारी की चपेट में आने से पशुपालक चिंतित, पशु चिकित्सा विभाग के पास नहीं स्थाई उपचार, गाँव-गाँव शिविर लगाकर किया जा रहा प्राथमिक ईलाज

कोरबा-पाली(खटपट न्यूज़) । एकाएक फैले कोरोना की तरह इन दिनों मवेशियों में भी अज्ञात बीमारी का प्रकोप फैला हुआ है जिसे लेकर किसान खासे चिंतित नजर आ रहे हैं। पशु चिकित्सा विभाग के पास मवेशियों में फैले अज्ञात बीमारी का स्थायी उपचार वर्तमान में नही है, ऐसे में मौजूदा उपलब्ध दवाइयों के सहारे फैले इस महामारी पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि पाली विकासखण्ड में वायरल जनित अज्ञात बीमारी की जद में आकर मवेशी तेजी से ग्रसित होते चले जा रहे हैं।जहां असंख्य मवेशियों में फोड़े-फुंसी के बाद गहरा घाव तथा सूजन होने जैसा अज्ञात महामारी तेजी से फैलते जा रहा है। घाव में कीड़े लगने जैसी गंभीर समस्या भी सामने आ रही है। उक्त अज्ञात महामारी का प्रकोप गत एक माह से फैला हुआ है। क्षेत्र में हजारों की संख्या में मवेशी हैं और वर्तमान में इस प्रकार के अज्ञात बीमारी का मवेशियों में फैलाव होना किसान/पशुपालक सहित पशु चिकित्सा विभाग के लिए भी चिंतनीय बना हुआ है जो किसी बड़ी चुनौती से फिलहाल कम नहीं है। मवेशियों में फैले उक्त अज्ञात गंभीर बीमारी बनाम महामारी के विषय पर जब पशु चिकित्सा विभाग पाली के सहायक शल्यज्ञ डॉ. भुनेश्वरपाल सिंह तंवर से चर्चा किया गया तो उन्होंने बताया कि यह एक नई प्रकार की बीमारी है।जिसे स्किन वायरल डिसीज संक्रमण बीमारी कहा जा सकता है।इसका फिलहाल स्थाई उपचार नहीं होने के कारण प्राथमिक उपचार के माध्यम से गांव-गांव में शिविर लगाकर व अभियान चलाकर वर्तमान उपलब्ध दवाइयों के सहारे इस महामारी के रोकथाम हेतु प्रयासरत है।

0 स्टाफ की कमी से भी जूझता पशुविभाग

गौरतलब है कि पाली विकासखण्ड में संचालित पशुविभाग स्टाफ की कमी से भी जूझ रहा है। यहाँ मौजूदा संचालित कुल 17 संस्था में 10 संस्था खाली पड़े हैं और अधिकांश प्रभारी के सहारे खाली पड़े संस्था का विभागीय क्रियान्वयन किया जा रहा है जो नाकाफी है। विकासखण्ड में मौजूद हजारों की संख्या में मवेशी तथा वर्तमान में इस प्रकार के अज्ञात संक्रमण बीमारी का सामने आना विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इस दिशा पर शासन-प्रशासन को ध्यान देते हुए खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कराने की महती आवश्यकता है ताकि पशुपालकों एवं किसानों को शासन की योजनाओं का समय पर लाभ मिल सके।

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