Friday, December 27, 2024
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/11/digital-ad-4-november-copy.jpg
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/10/kpt-advt-November-24-scaled.jpg
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/11/20x10.pdf
HomeUncategorizedDesh-Videshभारत ने रचा इतिहास, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, प्रधानमंत्री ने बधाई

भारत ने रचा इतिहास, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, प्रधानमंत्री ने बधाई

0 हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने- प्रधानमंत्री मोदी

बेंगलुरु। चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के दक्षिण ध्रुव पर कदम रखकर इतिहास रच दिया है। उसने 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा किया। इसके साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर प्रधानमंत्री ने बधाई देते हुए कहा कि हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।

इससे पहले आज लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया। 5 बजकर 30 मिनट पर शुरुआत में रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही। इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की। तब उसकी चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी।आखिरकार लैंडर ने 6 बजकर 04 मिनट पर चांद पर पहला कदम रखा। इस तरह भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
चांद के किसी भी हिस्से में यान उतारने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन को ही यह कामयाबी मिली है।अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा। इसमें करीब 1 घंटा 50 मिनट लगेगा। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे।

मोदी बोले- चंदा मामा के दूर के नहीं, एक टूर के
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा- यह क्षण भारत के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है। अमृतकाल में अमृतवर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।
नया इतिहास बनते ही हर भारतीय जश्न में डूब गया है। पहले कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं। एक दिन ऐसा आएगा कि बच्चे कहेंगे चंदा मामा बस टूर के हैं।

तब रूस के नाम हो जाता यह रिकॉर्ड
भारत से पहले रूस चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूना-25 यान उतारने वाला था। 21 अगस्त को यह लैंडिंग होनी थी, लेकिन आखिरी ऑर्बिट बदलते समय रास्ते से भटक गया और चांद की सतह पर क्रैश हो गया।

चंद्रयान-3 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।

लैंडिंग के बाद अब क्या होगा?

डस्ट सेटल होने के बाद विक्रम चालू होगा और कम्युनिकेट करेगा।
फिर रैंप खुलेगा और प्रज्ञान रोवर रैंप से चांद की सतह पर आएगा।
पहिए चांद की मिट्‌टी पर अशोक स्तंभ और ISRO के लोगो की छाप छोड़ेंगे।
विक्रम लैंडर प्रज्ञान की फोटो खींचेगा और प्रज्ञान विक्रम की। ये फोटो वे पृथ्वी पर भेजेंगे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments