
कोरबा (खटपट न्यूज)। एसईसीएल की पाली स्थित सरायपाली परियोजना में कोल ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल की हत्या के मामले में नामजद आरोपियों में शामिल तत्कालीन सब एरिया मैनेजर पदोन्नत महाप्रबंधक सुरेंद्र सिंह चौहान की जमानत याचिका हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दी है। आज अग्रिम जमानत आवेदन पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुनने उपरांत एवं मृतक पक्ष के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए तथ्यों के आधार पर इस पूरे घटनाक्रम में सुरेंद्र सिंह चौहान (60 वर्ष) की भूमिका को अनदेखा नहीं किया है।
सुरेंद्र सिंह चौहान की ओर से उनके अधिवक्ता ने जहां तर्क रखा कि उनके द्वारा सब एरिया मैनेजर होने के नाते पूर्व में विवाद पर दोनों पक्षों को प्रतिबंधित कर दिया गया था वहीं घटना दिनांक 28 मार्च 2025 की रात 10.20 बजे हुई घटना को देखने व समझने के लिए मौके पर उपस्थित थे। दो ट्रांसपोर्टर के बीच विवाद में हुए हत्याकांड की घटना से उनका दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है और कच्ची स्नढ्ढक्र में उनका नाम शामिल नहीं था।
दूसरी तरफ अग्रिम जमानत आवेदन पर आपत्ति दर्ज कराते हुए मृतक रोहित जायसवाल के भाई अनिल जायसवाल की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने तर्क दिया कि घटना दिनांक से 7 दिन पहले रोहित जायसवाल के द्वारा सब एरिया मैनेजर के विरुद्ध ईओडब्ल्यू को भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायत की गई थी और उसके बाद रोहित की हत्या हो जाती है। इसी तरह अधीनस्थ कर्मचारी रूपचंद देवांगन के साथ हुई मारपीट के मामले में सब एरिया मैनेजर सुरेंद्र सिंह चौहान व नोडल अधिकारी श्री मारकंडेय के द्वारा दबाव पूर्वक समझौता करने के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किया गया। अन्य तर्क भी रखे गए जिस पर चीफ जस्टिस ने इन दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनते हुए पूरे घटनाक्रम में सुरेंद्र सिंह चौहान की भूमिका को अनदेखा करने से इनकार करते हुए आवेदन खारिज कर दिया। निचली अदालत के बाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन खारिज हो जाने के बाद निश्चित ही सुरेंद्र सिंह चौहान की परेशानी बढ़ सकती है। प्रकरण में उनकी गिरफ्तारी शेष है।