बिलासपुर (खटपट न्यूज़)। रंगों के महापर्व होली में जहां पूरा देश रंग गुलाल लगाकर अपनों के साथ बड़े हर्षोल्लास के साथ होली के इस पर्व को मना रहा हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग है जो जिंदगी और मौत के बीच बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे ही बाहर से आकर अपोलो अस्पताल में भर्ती मरीज जिन्हे कई दिनों से लगातार रक्त चढ़ाया जा रहा है व अभी तक 14 यूनिट रक्त लग चुका है और आज पुनः उन्हे रक्त की आवश्यकता थी। त्योहार होने की वजह से उन्हें रक्तदाता नही मिल रहा था। इसकी सूचना जैसे ही शहर के सामाजिक कार्यकर्ता एवम रक्तमित्र छत्तीसगढ़ के संस्थापक चंद्रकांत साहू को मिली,उन्होंने तत्काल संज्ञान में लेकर किसी अन्य को रक्तदान हेतु निवेदन करने के बजाय स्वयं ही होली खेलना छोड़ रक्तदान करने हेतु अपोलो ब्लड बैंक पहुंच गए। चंद्रकांत ने बताया कि गुलालो से तो सब होली खेल रहे है मगर रगो में बहता रक्त किसी की बेरंग दुनिया को रंगीन करता है तो इससे अच्छी होली और क्या होगी। आज उनके द्वारा यह 22वाँ रक्तदान था। उनके इस अनोखी होली की हर तरफ सराहना हो रही है।
ज्ञात हो इनके संस्था रक्तमित्र के द्वारा कई वर्षों से रक्तदान को लेकर जन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विगत 6 माह में इनके द्वारा 3400 से अधिक रक्त का संचय किया जा चुका है जो को शहर से दूर ग्रामीण अंचलों में शिविर लगाकर किया गया, और यह कार्यक्रम लगातार जारी है। साथ ही इनके द्वारा विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 2100 जरूरतमंद मरीजों को समय पर रक्त भी उपलब्ध कराया जा चुका है। वर्तमान में बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, कोरबा, चांपा एवम रायगढ़ में सेवा कार्य संचालित हो रहा है।चंद्रकांत साहू ने बताया उनका मूल उद्देश्य समाज के नवयुवक जो देश की सेवा करना चाहते हैं और सैनिक नहीं बन पाए, ऐसे नवयुवकों को रक्तदाता बनाकर देश और समाज की रक्षा करने हेतु जागरूक करना है।