Sunday, November 3, 2024
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पट्टाधारी के पैदा होने से पहले ही मिल गया 5 एकड़ सरकारी जमीन का पट्टा, मां और पिता को भी मिला कुल 17.90 एकड़ सरकारी पट्टा का लाभ….

राजस्व विभाग का अजीबो गरीब चमत्कारिक मामला

कोरबा:- जिले के ग्राम रजगामार में राजस्व विभाग से जुड़ा एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है।जिसमे पट्टाधारी के पैदा होने से पहले ही राजस्व विभाग ने सरकारी जमीन का पट्टा दे दिया।और वह भी एसईसीएल के कर्मचारी की पुत्री को जो कि पट्टा मिलने के पहले पैदा ही नही हुई थी।जिसे पैदा होने के पहले ही पांच एकड़ सरकारी जमीन का पट्टा मिल गया।हालांकि यह सुनने में जरूर अटपटा सा लग रहा होगा लेकिन यह पूरी तरह से सच है।

मामला जिले के ग्राम रजगामार का है जहाँ प.ह.न 37,रा.नि.म. पसरखेत, तहसील व जिला कोरबा(छ ग) में पट्टाधारी के पैदा होने से पहले ही सरकारी जमीन का पट्टा देने का मामला सामने आया है।जिसमें राजस्व विभाग द्वारा सन 1974-75 में रजगामार निवासी प्रतिभा मिश्रा पिता सत्यनारायण मिश्रा को पैदा होने के पहले ही पांच एकड़ सरकारी जमीन का पट्टा दे दिया गया।जिसका खसरा नंबर 123/1/च कुल रकबा पांच एकड़ है।प्रतिभा मिश्रा ने इस सरकारी पट्टे की जमीन को पूरी तरह से बेच दिया है।जिसे पहली बार सन 1994-95 में मोहन यादव को 0.10 एकड़ एवं दूसरी बार 1996-97 में अपनी माता सीता देवी को 4.90 एकड़ जमीन बैनामा रजिस्ट्री बिक्री किया है।प्रतिभा मिश्रा ने खुद जमीन की रजिस्ट्री दस्तावेज में अपनी उम्र 18 वर्ष होना बताया है जो कि स्वतः ही स्पष्ट करता है कि प्रतिभा मिश्रा को जब पट्टा दिया गया उस समय उनका जन्म भी नही हुआ था फिर भी विभाग ने उसके नाम का पट्टा जारी कर दिया जो कि बहुत ही गंभीर मामला है जिसका जाँच होना अति आवश्यक है।

एक ही परिवार को मिला 17.90 एकड़ का सरकारी पट्टा:-

प्रतिभा मिश्रा एसईसीएल कर्मी सत्यनारायण मिश्रा की पुत्री है।जिसे पांच एकड़ का पट्टा मिला है।जबकि इसके अलावा उनकी माता सीता देवी को पांच एकड़ एवं पिता सत्यनारायण मिश्रा को भी 4.90 एकड़ सरकारी जमीन का पट्टा दिया गया है।एक ही परिवार के तीन सदस्यों को 17.90 एकड़ सरकारी जमीन का पट्टा किस नियम के तहत दिया गया है यह भी जाँच का विषय है।

सरकारी जमीन को बेचने का एसईसीएल कर्मी पर लग चुका है गंभीर आरोप:-

एसईसीएल कर्मी सत्यनारायण मिश्रा द्वारा रजगामार के तत्कालीन पटवारी दामोदर प्रसाद तिवारी के साथ मिलकर राजस्व विभाग के नक्शे में हेरफेर कर तथा कूटरचना करते हुए फर्जी नजरी नक्शा के आधार पर सरकारी जमीन पर अपनी पत्नी सीता देवी की निजी भूमि बताकर बेच दिया है।जिसकी जाँच अभी खत्म नही हुई है।

शिकायत के बाद भी नही हो रही कार्यवाही, आरोपियों को बचाने का प्रयास:-

ग्राम रजगामार में सत्यनारायण मिश्रा एवं पटवारी दामोदर तिवारी ने मिलकर सरकारी जमीन की हेराफेरी की है।जिसकी शिकायत हुए आठ माह बीत गए लेकिन अभी तक जाँच नही हो पायी और ग्रामीणों के द्वारा जाँच करने दबाव बनाने पर कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति करने पटवारी को भेज दिया जाता है।जबकि मामला गंभीर है।जिसके लिए खुद एसडीएम सुनील कुमार नायक ने टीम गठित कर जाँच करने का आस्वासन दिया था।मगर वह धरा का धरा रह गया और अब इस मामले को दबाते हुए आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।मामले में निष्पक्ष जांच की आवश्यक है।आगे देखने वाली बात यह होगी कि राजस्व विभाग इस मामले को लेकर किस तरह की कार्यवाही करती है या फिर कार्यवाही के नाम पर पूर्व की भांति खानापूर्ति करते हुए दोषियों को क्लीन चिट देती है…?

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