Thursday, February 6, 2025
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KORBA:सिटी कोतवाली के पास चोरी,शीट उखाड़कर ले गए सामान

कोरबा(खटपट न्यूज़)। जिले में चोरों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वे अब पुलिस थाने के निकट ही चोरी को अंजाम दे बैठे। चंद कदम दूर पर पुलिस थाना और घटनास्थल के ठीक पीछे पुलिस कर्मियों की कॉलोनी स्थित है। शहर के बीच इस चोरी से दूसरे व्यापारियों ने आश्चर्य और भय व्यक्त किया है।
जानकारी के मुताबिक कोरबा सिटी कोतवाली से चंद कदम आगे सुलभ कांप्लेक्स के बगल में सुमित के द्वारा शंकर मोबाइल नामक प्रतिष्ठान का संचालन किया जा रहा है। गुमटीनुमा दुकान में इस दुकान के आस पास दर्जनों दुकानें स्थित है। रात लगभग 10:15 बजे सुमित दुकान बंद कर घर चला गया। आज सुबह करीब 6:15 बजे सुलभ कांप्लेक्स के कर्मचारी ने चोरी होने की जानकारी सुमित को फोन पर दी।

सुमित दौड़ा भागा दुकान पहुंचा। उसने पाया कि दुकान के ऊपर टीन की शीट को उखाड़कर भीतर के फॉल सीलिंग को तोड़कर अंदर कांच के रैक को तोड़कर ईयर पॉड्स, बटन वाले मोबाइल व अन्य सामानों की चोरी कर ली गई। फिलहाल लगभग 50 से 60 हजार की चोरी का अंदाजा लगाया गया है लेकिन इत्मीनान से पूरे सामानों की गणना करने के बाद सही कीमत का आंकलन सुमित के द्वारा किया जा सकेगा।
यह स्थल शहर का हृदय स्थल और मुख्य क्षेत्र है। आसपास व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्र है। सामने ही ऑटो स्टैंड और नजदीक में पुराना बस स्टैंड है। सबसे बड़ी बात है कि बगल में ही कोतवाली थाना है और उसके पीछे पुलिस की कॉलोनी। कहा जा सकता है कि चोरों ने पुलिस की आंख से काजल चुराने की कहावत को चरितार्थ किया है। स्थानीय व्यवसायियों ने यहां पहुंचकर घटना के प्रति आश्चर्य जताते हुए अपने जान-माल के प्रति भय व्यक्त किया।
बता दें कि कोरबा जिले के अन्य थाना व चौकी क्षेत्रों में भी चोरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ ऐसे भी मामले हैं जिनमें पुलिस को सुराग भी मिले और खोजी डॉग बाघा ने भी अच्छी-खासी मदद की लेकिन चोरों को पकड़ पाने में कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। कई मामलों में पुलिस का मुखबिर तंत्र भी चोरों के सामने फेल साबित हो रहा है। वैसे पुलिस की कमजोर गश्त को मजबूत करने,बीट सिस्टम को पुख्ता बनाने के साथ-साथ आदतन और पुराने चोरों तथा नशेड़ियों पर शिथिल होती कार्यवाही के लिए पुलिस के आला अधिकारियों को मंथन करने की जरूरत है। कप्तान बदल जाने के बाद कई थाना और चौकी प्रभारी इस मामले में ढिलाई बरतने लगे हैं।

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