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कोरबा(खटपट न्यूज़)। छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनावी मौसम शुरू होने में अभी वक्त है लेकिन यह वक्त कितनी जल्दी गुजर जाएगा और चुनाव सिर पर मंडराने लगेगा इसका आभास राजनीतिक पंडितों और राजनेताओं को है। प्रदेश सहित कोरबा जिले में अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की कवायद अभी से शुरू कर दी गई है। जो निर्वाचित हैं उन्हें दोबारा टिकट के लिए प्रयास करना है और जो पिछले चुनाव में टिकट या परिणाम से चूक गए उन्हें भी जोर आजमाइश दिखाने के लिए फिर से टिकट की दरकार है। कई ऐसे भी चेहरे इस उम्मीद में है कि पार्टी इस बार उन पर भरोसा जताएगी।
कोरबा जिले की चार विधानसभा सीटों रामपुर, कोरबा,कटघोरा व पाली-तानाखार में से रामपुर एक ऐसी विधानसभा सीट है जिसका लक्ष्मण बनने के लिए कई लोग आतुर हैं। हाल फिलहाल इस समय यहां कांग्रेस से टिकट के दावेदारों की कोशिश उभर कर सामने आई है तो दूसरी ओर भाजपाई दावेदार भी भीतर ही भीतर अपने लिए जमीन तलाशने में जुटे हैं। हालांकि भाजपाईयों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन मौजूदा विधायक ननकीराम कंवर का विकल्प तो भीतर ही भीतर तलाशा जा रहा है। दूसरी तरफ कांग्रेसी भी कमर कस कर मैदान में उतरने को लालायित हैं। रामपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए बैठे लोगों की फेहरिस्त थोड़ी लंबी जरूर है लेकिन रोचक भी।
अभी यहां से भाजपा के विधायक पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर हैं । वर्ष 2018 के चुनाव में इनके सामने कांग्रेस से श्यामलाल कंवर व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के उम्मीदवार फूलसिंह राठिया को उतारा गया। इन्हें पराजित कर ननकीराम कंवर विजयी हुए। फ़ूलसिंह दूसरे और श्यामलाल कंवर तीसरे नंबर पर रहे। उस समय कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर फूलसिंह ने जोगी कांग्रेस का दामन थाम लिया लेकिन परिणाम के बाद फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। आगामी चुनाव के लिए श्यामलाल कंवर एवं फूलसिंह राठिया दोनों ही कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार हैं लेकिन क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण कुछ और ही चल रहा है।
स्थानीय सूत्रों की मानें तो रामपुर से टिकट के दावेदारों में और भी कई नाम है जिसमें गोवर्धन प्रसाद राठिया का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। श्री राठिया हाल ही में जिला खाद्य अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और क्षेत्र में इनकी अच्छी-खासी राजनीतिक व सामाजिक पकड़ भी है साथ ही प्रशासनिक अनुभव भी। इनके अलावा जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) के सचिव जगलाल राठिया,
पूर्व जनपद अध्यक्ष करतला श्रीमती धनेश्वरी कंवर, जनपद पंचायत कोरबा की अध्यक्ष श्रीमती हरेश कंवर भी टिकट की दौड़ में खुद को शामिल किए हुए हैं। टिकट के लिए दल बदल कर चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विजयी होने में बाधा उत्पन्न करने वाले फूल सिंह के लिए टिकट की राह कुछ आसान नहीं लगती तो वहीं श्यामलाल कंवर अपने विधायकी कार्यकाल के दौरान किए गए छोटे और बड़े ऐसे अनेक कार्यों जो कि वर्षों से नहीं हो पाए थे और उन्होंने उसे अंजाम तक पहुंचाया,उस सफलता को लेकर जनता के बीच अपनी पैठ लगातार बनाकर टिकट की मजबूत दावेदारी की जमीन तैयार कर रहे हैं।
वैसे एक जानकारी के अनुसार इस बार पार्टी किसी नए चेहरे की तलाश में है। हारे हुए प्रत्याशी और दल बदल की श्रेणी में आने वालों के ऊपर दांव लगाकर पार्टी जानबूझ कर खतरा मोल लेने के मूड में न हो तो रामपुर से नए चेहरे पर दांव लगाया जा सकता है। वैसे फूल सिंह राठिया के पीछे सपोर्ट में संगठन का एक धड़ा खड़ा हुआ है तो फूल सिंह की अपनी पकड़ रामपुर क्षेत्र के वोटरों में बनी हुई है तो श्यामलाल कंवर भी कमतर नहीं आंके जा सकते। ऐसे भारी कश्मकश के बीच कांग्रेस के टिकट का ऊंट किस दावेदार की करवट बैठेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। वैसे यह भी बता दें कि कोरबा जिला डॉ. चरणदास महन्त की कर्मभूमि है जहाँ रामपुर क्षेत्र के लिए टिकट वितरण में इनकी अहम् भूमिका रहेगी। अभी यह कह पाना मुश्किल है कि डॉ. महंत की पसंद कौन होगा और उनकी नजर में किसे प्रत्याशी बनाना उचित समझा जाएगा?