Thursday, September 19, 2024
Homeदेश-विदेशपाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी,...

पाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी, लेकिन जीत भारतीय सेना के हौसले की हुई.. पीएम ने ये भी कहा…

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज 67वीं बार मन की बात कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा- युद्ध मैदान में ही नहीं लड़े जाते, आजकल कुछ सोशल मीडिया पोस्ट से देश का मनोबल गिरता है। मोदी ने कहा- मास्क लगाने में परेशानी हो तो कोरोना वॉरियर्स को याद करें, वे घंटों पीपीई किट पहनते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज 67वीं बार मन की बात कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने करगिल युद्ध के 21 साल पूरे होने पर इस जंग में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों को याद किया। पीएम ने कहा- पाकिस्तान ने भारत की पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी। दुश्मन पहाड़ पर बैठा था, लेकिन जीत भारतीय सेना के हौसले और सच्ची वीरता की हुई। प्रधानमंत्री ने कहा- वो दिन सबसे अनमोल क्षणों में से एक है। सोशल मीडिया पर भी लोग अपने वीरों को नमन कर रहे हैं। मैं सभी देशवासियों की तरफ से उन वीर माताओं को नमन करता हूं, जिन्होंने ऐसे वीरों को जन्म दिया।

मोदी के भाषण की अहम बातें

  1. बिना कारण दुश्मनी करना दुष्ट का स्वभाव
    आज 26 जुलाई का दिन बहुत ही खास है। 21 साल पहले करगिल के युद्ध में हमारी सेना ने जीत का झंडा फहराया था। जिन परिस्थितियों में युद्ध हुआ, वह भारत कभी नहीं भूल सकता। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने का दुस्साहस किया था। भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था। लेकिन कहा गया है- बयरू अकारण सब काहू सों। जो कर हित अनहित ताहू सों। यानी दुष्ट का स्वभाव ही होता है, बिना किसी वजह दुश्मनी करना। ऐसे स्वभाव के लोग हित करने वाले का भी नुकसान सोचते हैं। आप कल्पना कर सकते हैं कि ऊंचे पहाड़ों पर बैठा दुश्मन और नीचे लड़ रही हमारी सेनाएं, लेकिन जीत ऊंचे पहाड़ों की नहीं हमारे जवानों की सच्ची वीरता की हुई।
  2. सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट से देश का मनोबल गिरता है
    करगिल युद्ध के समय वाजपेयी जी ने लाल किले से गांधीजी के मंत्र की याद दिलाई थी- अगर किसी को दुविधा हो कि तुम्हें क्या करना है तो उसे भारत के असहाय गरीब व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए। हम जो सोचते-करते हैं, उससे सीमा पर डटे सैनिक के मन पर गहरा असर पड़ता है। कभी-कभी हम सोशल मीडिया पर ऐसी चीजें फॉरवर्ड करते हैं, जिससे देश का मनोबल गिरता है। आजकल युद्ध केवल मैदान में ही नहीं लड़ा जाता।
  3. हमारे यहां कोरोना से मृत्यु दर कई देशों से कम
    हमारे यहां कोरोना से मृत्यु दर दुनिया के काफी देशों से कम है, लेकिन कोरोना अब भी उतना ही घातक है, जितना शुरू में था। चेहरे पर मास्क, दो गज की दूरी, कहीं थूकना नहीं, इस बात का ध्यान रखना है। यही हमें कोरोना से बचा सकता है। कभी-कभी हम मास्क से परेशानी महसूस करते हैं। इस समय कोरोना वॉरियर्स को याद कीजिए। वे घंटों तक किट पहने रहते हैं।
  4. लोग आपदा को अवसर में बदल रहे
    सही अप्रोच से हमेशा आपदा को अवसर में बदला जा सकता है। हम कोरोना के समय में भी देख रहे हैं कि देश के लोगों ने टैलेंट के दम पर नए उद्योग शुरू किए हैं। बिहार में लोगों ने मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क बनाना शुरू किए हैं। असम के कारीगरों ने बांस से टिफिन और बोतलें बनाना शुरू किया है। झारखंड के एक इलाके में कुछ समूह लेमनग्रास की खेती कर रहे हैं। कच्छ में ड्रैगन फ्रूट्स उगाया जा रहा है।
    Google search engine

    Google search engine
    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments