Saturday, July 27, 2024
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गौ वंश से मुक्त इस गौठान में नहीं है गोधन, कैसे सफल होगी सीएम की न्याय योजना…? हरेली में विस अध्यक्ष द्वारा शुभारंभ के बाद यहां एक साल से नहीं पड़े मवेशी और इंसान के कदम

0 उजाड़ पड़ा आदर्श गौठान बता रहा अनदेखी की दास्तां, जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं झांकने की फुर्सत

कोरबा (खटपट न्यूज)। छत्तीसगढ़ महतारी के हरियर लुगरा और किसानों के सुख-समृद्धि के प्रतीक लोकपर्व हरेली को प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की सरकार ने सर्वव्यापी बनाने के साथ ही इस पर्व को समृद्धशाली तरीके से मनाने के लिए शुरूआत की है। बीते वर्ष हरेली तिहार के अवसर पर ही नरवा-गरुवा-घुरुवा-बाड़ी योजना के तहत गौठानों का लोकार्पण कराया गया। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के मुख्य आतिथ्य एवं कोरबा विधायक व प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अध्यक्षता एवं विभिन्न जनप्रतिनिधियों के विशिष्ट आतिथ्य में 1 अगस्त 2019 को गौठान का शुभारंभ एवं गौठान समिति को हस्तांतरित करने का कार्यक्रम संपन्न हुआ था। एक साल बीत गए और अब इस हरेली में पूरे प्रदेश सहित कोरबा जिले के कुल 197 गौठानों में भी गोधन न्याय योजना प्रारंभ होने जा रही है। गौवंश के गोबर को बेचकर और इससे बनी खाद का उपयोग कर किसान मालामाल होंगे, यह सरकार की मंशा है। इसके विपरित जिले में कई ऐसे गौठान हैं जो अपनी बदहाली और अनदेखी की कहानी सहज ही बता रहे हैं। इनमें से एक आदर्श गौठान करतला विकासखंड के ग्राम पंचायत गुमिया का भी है।

इस आदर्श गौठान का भी शुभारंभ व गौठान समिति को हस्तांतरण 1 अगस्त 2019 को राज्य विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने किया था। माना जा रहा था कि जल्द ही गौठान अपने कामकाज को मूर्त रूप देगा लेकिन यह गौठान आज भी उसी हालत में हैं जैसा एक साल पहले था।

परिसर में निर्माणाधीन भवन की नींव और उस पर कालम के लिए खड़े किए गए लोहे के छड़ यथावत है। परिसर में रखा पैरा सूख चुका है। मवेशियों का कोटना भी कचरे से भरा पड़ा है और मुख्य प्रवेश द्वार के इर्द-गिर्द बरसाती पानी का जमाव है। कच्चे पथरीले रास्ते और जगह-जगह उग आई झाड़ियां और घास यह बताने के लिए काफी हैं कि न ही गौठान समिति और न ही जिम्मेदार निरीक्षणकर्ता अधिकारियों के कदम यहां लंबे समय से पड़े हैं। एक गौठान के निर्माण में लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। इसके अलावा गौठान समितियों को आवश्यक कार्य एवं खर्च के लिए प्रतिमाह 10-10 हजार रुपए भी जिला पंचायत से सीधे तौर पर समितियों को जारी हो रहे हैं। इसका लाभ गुमिया के गौठान प्रबंधन समिति को भी मिल रहा है लेकिन इसकी अपेक्षा न तो यहां मवेशी है और न ही गौठान संचालक। जनपद पंचायत करतला के सीईओ से लेकर मैदानी अधिकारियों की अनदेखी कहें या गौठान प्रबंधन समिति की लापरवाही की पराकाष्ठा, भूपेश सरकार की यह महत्वाकांक्षी और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के हाथों लोकार्पित योजना ग्राम पंचायत गुमिया में दम तोड़ रही है। इस ओर जिला प्रशासन को अपेक्षित ध्यान देने की जरूरत गुमिया वासियों ने बताई है साथ ही शुभारंभ से लेकर अब तक गौठान समिति को प्राप्त राशि एवं खर्च का भी लेखा-जोखा की जांच कराने की मांग की गई है।
0 गौठान प्रबंधन समिति पर एक नजर
ग्राम पंचायत गुमिया गौठान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष चेतन कुमार यादव, सचिव लक्ष्मीनारायण सिंह राजपूत, पदेन सदस्य श्रीमती सीता बाई बियार, प्रमोद यादव, सदस्य श्रीमती मान कुंवर बियार, श्रीमती किस्मत बाई, प्रमोद यादव, सुरेश यादव, श्री रामजश है। चरवाहा/सदस्य रनसाय यादव, वार्ड पंच/सदस्य श्रीमती राजकुमारी, समूह प्रतिनिधि/सदस्य श्रीमती रानू यादव तथा कृषि/पशु/किसान मितान प्रतिनिधि/सदस्य बुटू साहू मनोनित है। 13 सदस्यों वाली इस भारी-भरकम समिति की उदासीनता पर सवाल उठना जायज है।

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