कोरबा (खटपट न्यूज)। एसईसीएल के विभागीय अस्पतालों में शामिल कुसमुण्डा क्षेत्र के आदर्श नगर के डिस्पेंसरी में पदस्थ महिला चिकित्सक की कार्यशैली से एक शव अस्पताल के सामने कई घंटे तक स्ट्रेचर पर ही पड़ा रहा। कागजी कार्रवाई में मृतक के परिजन परेशान रहे, फिर भी चिकित्सक का दिल नहीं पसीजा।
जानकारी के अनुसार एसईसीएल कर्मी पी उमापति 49 वर्ष की लंबी बीमारी के दौरान पिछली शाम मौत हो गई। वे अपने घर पर एक कमरे में अचेत पड़े मिले और नाक से खून निकल रहा था। परिजनों ने तत्काल एसईसीएल की डिस्पेंसरी से एम्बुलेंस बुलाया और अस्पताल पहुंचे। यहां अस्पताल के बाहर दरवाजे पर ही महिला चिकित्सक वीणा कुमारी व स्टॉफ नर्स एम्बुलेंस के आते ही पहुंच गए और स्ट्रेचर पर लेटाकर उमापति को भीतर ले जाने देने की बजाय बाहर ही रुकवाकर दूर से डॉक्टर ने देखा और महिला स्टॉफ से नब्ज व आंखें चेक करने को कहा। स्टॉफ ने नब्ज नहीं चलना और मृत होना बताया। चिकित्सक ने ब्रॉड डेड बताकर पेपर वर्क पूरा करके शव को विकास नगर मरच्यूरी ले जाने कहा। डिस्पेंसरी में कोई साधन नहीं होना कहकर साधन की व्यवस्था करने और शव को यहीं रहने दो अंदर मत लाना बोलकर अपने चेम्बर में चली गई। मृतक की बड़ी पुत्री और कुछ परिचित इस रवैए से और भी दुख से दोहरे हुए। करीब डेढ़ से दो घंटे पेपर वर्क और वाहन की व्यवस्था में लग गए लेकिन तब तक शव डिस्पेंसरी के बाहर ही स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। इस बीच सूचना पाकर कुसमुण्डा पुलिस आदर्श नगर डिस्पेंसरी पहुंची और शव को इस तरह बाहर रखा देख अस्पताल स्टॉफ पर नाराजगी जताई। वार्ड पार्षद शाहिद कुजूर ने भी यहां पहुंचकर इस तरह के दुर्व्यवहार को अनुचित ठहराया। किसी तरह पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण हुई और शव परिजन के सुपुर्द किया गया। मृतक की पुत्री नेे गमगीन माहौल में पिता को मुक्तिधाम में अंतिम विदाई दी।