रायपुर –
सहायक आरक्षकों के परिवार की महिला सदस्यों ने सोमवार को राजधानी में प्रदर्शन किया। दोपहर को उन्होंने भाठागांव में चक्काजाम किया। वहां समझाइश देने पहुंची प्रशिक्षु महिला आईपीएस के साथ झूमाझटकी करते हुए उनकी कॉलर खींची। बीच बचाव करने पहुंची महिला सब इंस्पेक्टर की आंदोलनकारी महिलाओं ने जमकर पिटाई कर दी।
उनके बाल खींचकर घूंसे मारे। उसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां हटाकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इससे महिला आंदोलनकारी और भड़क गईं। उन्होंने आमानाका थाने में धरना दिया। पुलिस परिवार के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे चार युवकों को जेल भेज दिया गया है। इसम पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देने वाले सिपाही, डीपीओ शाखा का कर्मचारी और एक मीडियाकर्मी शामिल है। उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक और महामारी एक्ट में कार्रवाई की गई है। महिला सब इंस्पेक्टर से मारपीट और धक्का-मुक्की मामले में डीडी नगर में दो दर्जन पुलिस के परिजनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि दुर्ग निवासी उज्जवल दीवान, संजीव मिश्रा और डीपीओ शाखा में काम करने नवीन राव और अंबिकापुर के पत्रकार जितेंद्र जायसवाल को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अफसरों के अनुसार चारों मिलकर पुलिस परिवार के लोगों को भड़का रहे थे। उन्होंने कोरोना संक्रमण के काल में भीड़ इकट्ठा की, इसलिए चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। डीडी नगर इलाके में महिला एसआई को आंदोलन में आई महिलाओं ने पिटाई कर दी। पुलिस ने इस मामले में भी केस दर्ज किया है। महिला पुलिस परिवार के लोग आरक्षकों के समान पद, वेतन और पदोन्नति व क्रमोन्नति का फायदा मांग रहे हैं। सरकार ने उन्हें आरक्षक का दर्जा देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए डीजीपी से प्रस्ताव मांगा गया है।