कोरबा(खटपट न्यूज़)। कोरोना की तीसरी लहर से सभी सशंकित हो चले हैं ।यही कारण है कि कोविड वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या बढ़ने लगी है। जो लोग पहले लापरवाही बरत रहे थे, अब वे भी जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लेना चाहते हैं। किसी भी सेंटर पर सुबह से ही लाइन लग रही है। कोरोना अपना संक्रामक रूप दिखाने में भेदभाव नहीं कर रहा किन्तु रेलवे का रवैया जरूर पीड़ादायक व कोरोना से बचाव के अभियान में बाधक बन रहा है। वैक्सीनेशन के मामले में भी रेलवे अपना-पराया का भेदभाव कर रहा है। रेलवे स्टेशन कोरबा के स्वास्थ्य केंद्र (डिस्पेंसरी) में शुक्रवार को उस समय विवाद शुरू हो गया जब सुबह से लाइन में लगे लोगों ने रेलवे कर्मचारियों और उनके परिजनों को दूसरे गेट से अंदर जाते देखा।
लोगों ने बताया कि रेलवे के लोगों को पिछले दरवाजे से एंट्री देकर उन्हें वैक्सीन लगाई जा रही है जबकि बाहर खड़े लोगों को वैक्सीन लगाने की बात तो दूर उन्हें अंदर भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सूचना पर इमलीडुग्गू वार्ड के पार्षद सुफल दास भी रेलवे के स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए। उन्होंने अंदर जाकर देखा तो पाया वहां सिर्फ रेलवे कर्मियों और उनके परिजनों को ही वैक्सीन लगाई जा रही है। वैक्सीनेशन के लिए कतार बद्ध लोगों ने कोरबा पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी। पुलिस के जवान पहुंचे भी लेकिन रेलवे पुलिस ने बाहरी लोगों के लिए गेट को बंद ही रखा। वार्ड के लोगों का इस भेदभाव को देखते हुए क्रोध बढ़ रहा है।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)