0 दबाव बनाने कालेज के प्रिंसिपल पूर्व में छात्रों के अभिभावकों को भेज चुके हैं नोटिस
कोरबा-बरपाली (खटपट न्यूज़)। शासकीय महाविद्यालय बरपाली में कार्यरत लैब टेक्नीशियन सह छात्रवृत्ति प्रभारी शारदा प्रसाद पाटले के खिलाफ कई तरह के आरोप लगाते हुए शिकायत पिछले दिनों कुलपति को प्रेषित की गई है। इस शिकायत पर महाविद्यालय प्रबंधन के द्वारा कार्यवाही करना तो दूर शिकायत करने वाले छात्र-छात्राओं पर ही दबाव बनाने का काम कॉलेज प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है।
विगत दिनों प्रिंसिपल द्वारा संबंधित छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के नाम नोटिस जारी कर इसे अनुशासन हीनता बनाया गया। इन विद्यार्थियों को शिकायतों के प्रमाण, गवाही व आवश्यक दस्तावेज सहित 17 दिसंबर को महाविद्यालय में उपस्थित होने कहा गया। उपस्थित ना होने की स्थिति में प्रबंधन के द्वारा संबंधित विद्यार्थी के विरुद्ध एक तरफा अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई प्रिंसिपल के चेतावनी भरे नोटिस के बाद संबंधित विद्यार्थियों ने कॉलेज में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराया। शिकायतों के संबंध में महाविद्यालय प्रबंधन के रवैये से विद्यार्थियों के अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों में भी नाराजगी देखी है।
इस सिलसिले में जांच के दौरान विद्यार्थियों ने लैब टेक्नीशियन पाटले पर लगाए गए आरोपों को सही बताया। शासकीय महाविद्यालय बरपाली के जनभागीदारी संयोजक के समक्ष बयान दर्ज कराते हुए विद्यार्थियों ने की गई शिकायत को यथावत एवं पूर्णत: सत्य बताया है। बयान में यह बात भी सामने लाई गई कि जांच कमेटी के द्वारा सिर्फ दो ही विद्यार्थियों को तलब किया गया और उनके समक्ष प्रश्नावली रखी गई जिसका उत्तर देने के लिए वो तैयार नहीं हुए, क्योंकि शिकायत के बाद शारदा प्रसाद पाटले द्वारा अन्य छात्र-छात्राओं के घर जाकर अपने बचाव में लिखे पत्र पर हस्ताक्षर कराया गया है। शारदा पाटले का कहना है कि इन 2 छात्रों ने उपरोक्त छात्रों पर दबाव डालकर शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर कराया है लेकिन इन छात्रों ने कहा है कि उनके पास इस बात के प्रमाण हैं कि उपरोक्त छात्र-छात्राओं ने अपनी स्वेच्छा से शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर किया है। जिन 2 छात्रों पर अगुवाई करने का आरोप लगाकर दबाव बनाया जा रहा है, उनके खिलाफ शारदा प्रसाद पाटले के द्वारा दबाव डालकर हस्ताक्षर करा लिया गया है। पीड़ित छात्रों ने कहा है कि यदि विश्व विद्यालय से जांच कमेटी आती है तो उनके समक्ष अपना बयान एवं साक्ष्य प्रस्तुत करने को तैयार हैं ।
इधर दूसरी ओर लैब टेक्नीशियन एवं शिक्षक शारदा प्रसाद पाटले के खिलाफ 27 नवंबर 2020 को बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के समक्ष की गई शिकायत के बाद 11 दिसंबर को श्री पाटले के द्वारा उसके विरुद्ध शिकायत पत्र में हस्ताक्षर करने वाले छात्र-छात्राओं के घर-घर जाकर उनको और उनके अभिभावकों पर दबाव बनाकर अपने बचाव के लिए बनाए गए एक आवेदन पर पुनः हस्ताक्षर भ्रम में रखकर कराया गया है। प्रभावित विद्यार्थियों ने अपने पूर्व के आवेदन जिसमें श्री पाटले के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं, उस पर कायम रहना बताया है और इस संबंध में श्री पाटले के खिलाफ उचित कार्यवाही कर एवं धोखा और दबाव बनाकर हस्ताक्षर कराने के मामले में उरगा थाना प्रभारी के नाम शिकायत आवेदन थाना जा कर दिया गया है। इसकी प्रतिलिपि अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति, कोरबा पुलिस अधीक्षक व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को भी सूचना प्रेषित की गई है।
गौरतलब है कि शासकीय महाविद्यालय बरपाली में चल रहे इस गोरखधंधे के संबंध में विगत दिनों विद्यार्थियों की शिकायत प्राप्त होने पर हमने प्रमुखता से समाचार का प्रकाशन किया। इसके पश्चात विश्वविद्यालय प्रबंधन के दौरान कई तरह से दबाव बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। शिकायतों का निराकरण और आवश्यक कार्रवाई करने की बजाय महाविद्यालय को एक तरह से राजनीति का अखाड़ा बना कर रखा जा रहा है जिसे कतई उचित नहीं कहा जा सकता। बरपाली क्षेत्र के जनपद सदस्य पीयूष गुरुद्वान ने भी कहा है कि विद्यार्थियों पर दबाव बनाकर अपने पक्ष में माहौल करने की बजाय शिकायतों का निराकरण करना चाहिए। उन्होंने प्रिंसिपल की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं साथ ही कोई कार्रवाई ना होने पर धरना आंदोलन की भी चेतावनी श्री गुरुद्वान ने दी है।