रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने कोरिया जिले के महिलाओं के उत्पीड़न संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई बुधवार को कोरिया कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में की। सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, फिजीकल डिस्टेंसिंग और सैनिटाईजर का प्रयोग करते हुए कार्यवाही प्रारंभ की गई। उन्होनें सुनवाई के लिए उपस्थित सभी पक्षकारों से चर्चा कर संबंधित प्रकरणों के स्थिति के संबंध में पूछताछ की। निर्धारित 20 प्रकरणों पर सुनवाई करते हुए 13 प्रकरण निराकृत कर नस्तीबद्ध किया गया तथा 7 प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु रखा गया। इन 20 प्रकरणों में मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, दहेज, मारपीट एवं संपत्ति विवाद के प्रकरण शामिल थे।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक के द्वारा कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में निर्धारित प्रकरणों पर सुनवाई की गई, जिसमें एक प्रकरण में मृतिका की ओर से समाज सेवी संस्था से उपस्थित आवेदक जिसकी शिकायत आवेदिका डॉक्टर महिला चिकित्सक के विरुद्ध लापरवाही से मृत्यु कारित करने की थी, को अध्यक्ष डॉ नायक ने गंभीरता से संज्ञान लिया। मामले की जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि आवेदन मृतिका के निकट परिजनों के द्वारा ना की जाकर समाजसेवी संस्था के द्वारा की गई थी जिसका इस शिकायत से सीधा संबंध नहीं है और यह पाया गया कि शिकायत आपसी रंजिश वश की गई है। महिला चिकित्सक की ओर से अपने पक्ष समर्थन में दस्तावेज आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आयोग ने शिकायत का अवलोकन कर आवेदक की शिकायत को नस्तीबद्ध किया।
दूसरे प्रकरण में आवेदिका द्वारा कार्यस्थल में प्रताड़ना संबंधित शिकायत की गई थी जिसे गंभीरता से संज्ञान लिया जाकर संबंधित विभाग को आंतरिक परिवाद समिति का गठन किए जाने का तत्काल निर्देश दिया गया। साथ ही तहसीलदार की अध्यक्षता में संपूर्ण शिकायत की जांच कर आयोग को उसकी सूचना शीघ्र दिए जाने का निर्देश दिया गया। इसी तरह अन्य प्रमुख प्रकरण में तत्काल संज्ञान लिया जाकर अनावेदक के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज किए जाने का निर्देश दिया गया। यह प्रकरण आवेदिका के पुत्री के साथ छेड़छाड़ तथा जान से मारने की धमकी दिए जाने संबंधित शिकायत आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इसी तरह आयोग के समक्ष आये मानसिक प्रताड़ना के प्रकरण में वृद्धा मां को बेटे द्वारा प्रतिमाह भरण पोषण राशि 3500 रुपये दिए जाने का निर्देश दिया गया। इसके अतिरिक्त माता से लिए हुए नगद राशि 1 लाख 35 हजार रुपये भी वापस किए जाने का निर्देश दिया गया, जिस पर आयोग के निर्देश का पालन करने अनावेदक पुत्र और बहू ने सहमति दी।
अन्य उल्लेखनीय प्रकरणों में प्रमुख एक प्रकरण में आवेदिका की शिकायत पर अनावेदक पति के द्वारा पुत्री सहित 4000 रुपये प्रति माह भरण पोषण राशि का निर्देश दिया गया जिसके त्वरित पालन में अनावेदक द्वारा आयोग की समझाइश पर 2000 रुपये नगद अपने पत्नी और पुत्री को दिया गया। इसके अतिरिक्त आर्थिक अपराध संबंधित शिकायत पर आवेदिका को अध्यक्ष डॉ किरणमयी ने समझाइश दी। पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि शिकायत पर जांच कर अपराधी को गिरफ्तार कर कार्रवाई करें तथा आर्थिक लेनदेन संबंधी कार्यवाही किया जाकर आवेदिका को राहत दे।
सुनवाई के दौरान संसदीय सचिव व विधायक बैकुंठपुर अम्बिका सिंहदेव, सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और भरतपुर- सोनहत विधायक गुलाब कमरो, कलेक्टर एस.एन. राठौर, पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह सहित जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के साथ पुलिस प्रशासन भी उपस्थित थे।