बिलासपुर (खटपट न्यूज)। ईनाम का लालच देकर लाखों रुपये ठगने वाले पाकिस्तानी ठगों को बिलासपुर पुलिस ने धर दबोचा है। फर्जी काल रिकार्डिंग के जरिये कभी ये शातिर मुकेश अंबानी बन जाते थे, तो कभी अमिताभ बच्चन। जियो के लकी विजेता और केबीसी में करोड़ों जीतने के नाम पर ये शातिर देश के अलग-अलग हिस्सों में ठगी का कारोबार कर रहे थे, जिन्हें बिलासपुर पुलिस ने दबोचा है। इस मामले का पाकिस्तानी कनेक्शन का भी पर्दाफाश हुआ है। ठगी गैंग में बड़े मामू और छोटे मामू नाम से चर्चित ये शातिर लॉटरी की रकम देने के नाम पर पहले पैसा जमा कराते थे और फिर पैसा लेकर बातचीत बंद कर देते थे। बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा और एसपी प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर इस ठग गिरोह के खिलाफ करीब 9 महीनों से तफ्तीश चल रही थी, जिसके बाद अब पुलिस ने शातिरों के इस गैंग को बेनकाब किया है।बिलासपुर के जनकराम पटेल को जनवरी-फरवरी के दौरान पाकिस्तानी नंबर से व्हाट्सएप कॉल और व्हाट्सएप चैट के माध्यम से मुकेश अंबानी बनकर 25 लाख की लॉटरी जीतने का झांसा दिया गया। वहीं केबीसी के भाग्यशाली विजेता के नाम पर 2 करोड़ रुपये जीतने की खबर दी गयी। इन शातिरों ने प्रार्थी के खाते से फरवरी से लेकर अगस्त 2020 के बीच करीब 65 लाख रुपये जमा कराये। ये रकम अलग-अलग बैंकों में मंगाये जाते थे। ठगी का अहसास होने पर प्रार्थी ने इस मामले में बिलासपुर में शिकायत दर्ज करायी थी, जिसके बाद पड़ताल शुरू की गयी। 1 सितंबर से बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा और एसपी प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर साइबर क्राइम से जुड़े इस मामले को जांच में लिया गया था। कोतवाली थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर एएसपी उमेश कश्यप, सीएसपी कोतवाली निमेश बरैया को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जांच के दौरान ये बातें सामने आयी कि ठग सिर्फ वाट्सप के माध्यम से विडियो/आडियो काल तथा चैटिंग के माध्यम से बातचीत करते थे एवं अलग-अलग,खाता नंबर जो अलग-अलग ब्रान्चो के होते थे, में जीते हुये लाॅटरी की रकम प्राप्त करने हेतू विभिन्न विभागीय प्रकिया के नाम पर अलग-अलग समय में अलग अलग खातो में रकम जमा करावाया जाता था। प्रार्थी को विभिन्न पाकिस्तानी नंबर एवं भारतीय नंबर सेकण्ड लाइन नम्बर जिनकी लोकेशन पाकिस्तान में पायी जाती थी, उसी नंबर से ऑडियो/विडियो काल आते थे, जिसमें प्रार्थी को उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, कोलकाता आदि का लगभग 12 विभिन्न खातो में रकम जमा करवाया गया था। जांच के दौरान सर्वाधिक रकम लगभग 50 लाख रू.मध्यप्रदेश के रीवा जिले के विराट सिंह के एसबीआई, पीएनबी, आईसीआई बैंक, इलाहाबाद बैंक, बैंक आॅफ इंडिया आदि के खातो में जमा कराये गये। जिसे विराट सिंग द्वारा यूपीआई पेमेन्ट(फोन पे,पेटीएम) के माध्यम से वर्ली मुबंई निवासी राजेश सुखाउ जायसवाल एवं हर्ष राजेश जायसवाल के खातों ,डिजीटल पेमेंट सलूशन ओड़िशा एवम अन्य को आनलाईन रूपये ट्राॅन्सफर किया गया था। इस मामले में सबूतों के आधार विराट को गिरफ्तार किया गया। गठित टीम में से एक टीम ने रीवा (म.प्र.)में कैंप कर आरोपी विराट सिंग को घेराबंदी कर पकड़ा। आरोपी विराट ने बताया कि पाकिस्तान के छोटे मामू उर्फ असरफ,तथा बड़े मामू उर्फ असगर एवं सलीम के लिये काम करता है जो कि पाकिस्तान से हैं,जो विराट सिंग से वाट्सप आडियो/विडियो काॅल एवं मैसेज के माध्यम से बातचीत होती है। पाकिस्तानी ठगो द्वारा लोगो को लाॅटरी का लालच देकर ठगी करने के दौरान विराट सिंग द्वारा उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंको के विभिन्न खातो में रकम जमा करावाया जाता था जिसकी सूचना विराट को वाट्सप चैट के माध्यम से दिया जाता था। जिसके पश्चात विराट सिंग द्वारा अपना कमीशन काट कर पाकिस्तानी ठग छोटे मामू उर्फ असरफ तथा बडे मामू उर्फ असगर एवम सलीम के द्वारा विराट सिंग को उपलब्ध कराये अन्य खातो में पेटीएम के माध्यम से रकम स्थानांतरित करने कंहा जाता था, आरोपी विराट द्वारा अपने खाते के अतिरिक्त अन्य खातो की भी जानकारी एकत्रीत कर उन्हे जमा रकम की 3 प्रतिशत की लालच देकर अपने झांसे में लिया जाता था जिसमें से ज्यादातर मध्यप्रदेश के रीवा एवं देवास के खाता धारक हुआ करते थे। अरोपी विराट द्वारा उसके खाते में आये रकम को देशभर के अलग-अलग प्रांतो के यथा हैदराबाद , कर्नाटका, बेंगलोर, पश्चिमबंगाल,महाराष्ट्र,उडिसा,उत्तर-प्रदेश,उत्तराखंड,आसाम,दिल्ली के खातो में ट्रान्सफर किया जाता था। आरोपी विराट के खाते में प्रार्थी जनकराम पटेल द्वारा सर्वाधीक रकम लगभग 50 लाख रू.माह फरवरी 2020 से सितम्बर 2020तक जमा किया गया था जिसमें से अधिकांश रकम मुंबई वर्ली में आॅनलाईन ट्रान्सफर किया गया था। आरोपी विराट सिंग के निशादेही पर खाता धारक शिवम ठाकुर एवं संजू चैहान को मध्य प्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया। विराट सिंग द्वारा पाकिस्तानी छोटे मामू एवं बडे मामू के द्वारा राजेश एवं हर्ष जायसवाल के खाते में अधिकांश रकम लगभग 45 लाख रू. ट्रान्सफर किया गया था। लिहाजा एक टीम मुबंई जाकर राजेश अग्रवाल को हिरासत में लेकर पुछताछ किया गया। पुछताछ के दौरान राजेश जायसवाल के खातो का संचालन स्वयं करता है तथा इसके खाते में आये रकम को डिजिटल करेंशी बीट क्वाईन (बीटीएस ) तब्दील कर उपर भेजता है जिसके संबंध्या में विस्तृत जानकारी हासिल की जा रही है तथा भारत के विभिन्न् प्रांतो से इनके संबंधो के बारे में अनुसंधान जारी है।
एक टीम उडीसा से जाकर डिजिटल पेमेंट सालूशन के संचालक सीता राम गौडा को हिरासत में लिया गया जिसके निजी एवं डिजिटल पेमेंट सालुशन के नाम पर खोले गये खाते में जिसमें लगभग 15 लाख रू. से उपर रकम जमा कराया गया था, उसे फ्रिज करा दिया गया है।
फ्रॉड का ‘पाक’ कनेक्शन : बड़े मामू और छोटे मामू कभी अम्बानी, कभी बच्चन बनकर करोड़ों का ईनाम दिलाने ठगे लाखों रुपये…अब सलाखों के पीछे…
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