कोरबा. छत्तीसगढ़ राज्य में कोयला का व्यवसायिक खनन पर रोक लगाने को लेकर कोयला सचिव के साथ वार्ता विफल रही। इसके बाद सभी यूनियनों ने तीन दिवसीय हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इससे पहले मजदूर संगठनों ने छत्तीसगढ़ के सीएम व राजस्व मंत्री को पत्र लिखकर राज्य में कोयला का व्यवसायिक खनन पर रोक लगाने की मांग की है। श्रमिक संगठनों का मानना है कि राज्य में कोल ब्लॉकों का कारपोरेटों को नीलाम करने तथा इसके व्यवसायिक खनन की अनुमति देने से राज्य के जन समुदायों, सामाजिक और पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। जैव विविधता और समृतद्ध वन्य जीवों के विनाश, राज्यों के अधिकारों और संविधान की भावना के अतिक्रमण तथा अंतरराष्ट्रीय पेरिस समझौते की भावना के उल्लंघन को देखते हुए इसकी कानूनी पहलुओं पर झारखंड सरकार की तरह छग सरकार को भी कोर्ट में चुनौती देने की अपील कुसमुण्डा क्षेत्र के सभी श्रमिक संगठन जिसमें अरूण कुमार झा महामंत्री एचएमएस, कुसमुण्डा, टिकेश्वर सिंह राठौर अध्यक्ष, बीकेकेएमएस (बीएमए) बिलासपुर, मदन सिंह ठाकुर क्षेत्रीय सचिव एटक कुसमुण्डा, प्रमोद दुबे अध्यक्ष/महामंत्री इंटक कुसमुण्डा व व्हीएम मनोहर क्षेत्रीय सचिव सीटू कुसमुण्डा कर चुके हैं। अब वार्ता विफल होने के बाद श्रमिक संगठनों ने तीन दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया है। हड़ताल में इनमोसा के सभी सदस्य भी शामिल रहेंगे। इस संबंध में इंद्रदेव साव क्षेत्रीय सचिव इनमोसा ने महाप्रबंधक कुसमुण्डा को ज्ञापन सौंपकर जानकारी दी है। संयुक्त यूनियनों द्वारा 2,3 व 4 जुलाई को हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है।
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