कोरबा। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बधेल की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया। रायपुर से संचालित इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वीडीयो कांफ्रेंसिंग के माध्यम सम्बोधित किया। उन्होंने पूरे आदिवासी समाज को इस विशेष दिन की बधाई दी और आदिवासी इलाकों के विकास का सरकार का संकल्प दोहराया। जिला स्तर पर कोरबा जिले के तीन विधायक श्री ननकीराम कँवर, श्री पुरुषोत्तम कँवर और श्री मोहित किरकेट्टा की मौजूदगी में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कँवर सहित कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, एडीएम श्री संजय अग्रवाल, अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया और आदिवासी समाज के प्रतिनिधि भी वीडियो कांफे्रंसिंग से इस कार्यक्रम में शामिल हुए ।
कार्यक्रम में कोरबा जिले के नौ हितग्राहियों को तीन हेक्टेयर से अधिक भूमि के व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र (पट्टे) वितरित किए गए। छह हितग्राहियों को 13 हेक्टेयर से अधिक रकबे के सामुदायिक पट्टे बाँटे गए। कार्यक्रम में कोरबा जिले के 15 मेधावी आदिवासी विध्यार्थियो को कक्षा 12वी और 10वी की परीक्षाओं मे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया गया। मुख्य कार्यक्रम से विडियो कंाफ्रेंसिंग द्वारा सभी 27 जिलो को जोड़ा गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी समाज का सर्वांगीण विकास ही उनकी सरकार का एकमात्र लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में पढ़ाई-लिखाई की नई सुविधाएं, युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर शुरू करने के लिए सरकार ने नई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किये हैं। उन्होंने तेंदुपत्ता, महुआ जैसी वनोपजों के न्यूनतम खरीदी मूल्य को तय करने के साथ अंगे्रजी माध्यम के अलग स्कूल खोलने तक की सरकार की योजनाओं से लोगों को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की पूर्व सरकार द्वारा निरस्त या अस्वीकार किये गये वन अधिकार पत्र मान्यता पत्रों के प्रकरणों को सरकार ने पुनर्विचार कर पात्र सभी हितग्राहियों को वन अधिकार पट्टे दिये जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ वनवासियों को वर्षों से उपयोग की जा रही वनभूमि का मालिकाना हक देने में पूरे देश में पहले स्थान पर है। मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों और युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने और अपने समाज के हितों के सभी पहलुओं पर मुखर हों, सरकार उनके साथ है। कार्यक्रम को रायपुर से आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. पे्रमसाय सिंह टेकाम और आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान कोरबा जिला कार्यालय के वीडियो कांफें्रसिंग कक्ष में जिले के तीनों आदिवासी विधायक श्री ननकीराम कँवर, श्री पुरुषोत्तम कँवर और श्री मोहित किरकेट्टा की मौजूदगी में संकेतात्मक रूप से 15 वनवासियों को लगभग 35 एकड़ वनभूमि के पट्टे प्रदान किये गये। कार्यक्रम में पोड़ीउपरोड़ा और कोरबा विकासखंड के नौ हितग्राहियों को 7.100 एकड़ वनभूमि के व्यक्तिगत पट्टे दिये गये वहीं पाली विकासखंड के छह गांवों नांनबाका, मांगामार, पहाड़गांव, तिलईकुंडी, डोडकी और केराकछार में सामूहिक उपयोग के लिए गौण उपज संग्रहण तथा चारागाह विकसित करने लगभग साढ़े 28 एकड़ भूमि के सामुदायिक उपयोग वन अधिकार पत्र भी दिये गये। कार्यक्रम में एकलव्य आवासीय विद्यालय छुरीकला में रहकर कक्षा दसवी तथा 12 वीं में पढ़ने वाले 10 विद्यार्थियों को परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रशस्ति पत्र एवं शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार प्रयास आवासीय विद्यालय स्याहीमुड़ी के कक्षा दसवीं के पांच विद्यार्थिंयों को भी परीक्षा में उत्कृष्ट अंक लाने पर सम्मानित किया गया।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जिले में 624 व्यक्तिगत और 482 सामूहिक वन अधिकार पत्रों को मिलाकर एक हजार 106 वन अधिकार मान्यता पत्र अगले दो दिनों में वितरित किये जायेंगे। इन वन अधिकार मान्यता पत्रों से जिले के आदिवासी वनांचलों में रहने वाले लोगों को लगभग दो हजार एकड़ भूमि का मालिकाना हक मिलेगा। कलेक्टर ने बताया कि जिले में अब तक सामुदायिक रूप से निस्तार के लिए 229, लघु वनोपज संग्रहण स्थल के लिए 61, चारागाह-तालाब-मछलीपालन के लिए 98, देव स्थल विकास एवं अन्य पारंपरिक संस्कृति विकास के लिए 63 तथा जैव विविधता संरक्षण के लिए 31 सामुदायिक वन अधिकार दावों को स्वीकृति दे दी गई है और इसके तहत लगभग एक हजार 458 एकड़ भूमि सामुदायिक उपयोग के लिए वनवासियों को उपलब्ध कराई जायेगी।