कोरबा (खटपट न्यूज)। एसईसीएल के भूमिगत सिंघाली परियोजना में कोयला उत्खनन के लिए प्रबंधन द्वारा किए जा रहे हेवी ब्लास्टिंग से आक्रोशित लोगों ने शनिवार को विभिन्न मांगों को लेकर खदान का घेराव कर दिया। इससे कोई भी अधिकारी व कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंच सके। फलस्वरूप कुछ देर के लिए उत्पादन प्रभावित रहा। हालांकि समझाइश के बाद उन्होंने प्रदर्शन समाप्त किया। एसईसीएल प्रबंधन द्वारा हेवी ब्लास्टिंग का उपयोग लगातार किया जा रह है जिससे भेजीनारा एवं आसपास के गांव के ग्रामीण काफी परेशान हैं। आक्रोशित भेजीनारा गांव की महिलाएं खदान के गेट पर धरने पर बैठ गईं जबकि पुरुषों ने बाहर जमकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि ब्लास्टिंग से घरों की दीवारों में दरारें आ गई है तथा छप्पर भी गिर रहे हैं। ब्लास्टिंग की वजह से हो रही दिक्कतों से कई बार एसईसीएल प्रबंधन को अवगत कराया गया। बावजूद इसके प्रबंधन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। शनिवार सुबह 6 बजे गांव के सरपंच के नेतृत्व में एकत्रित हुए और सिंघाली खदान के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन करने के साथ ही धरने पर बैठ गए। इस दौरान कोई भी अधिकारी व कर्मचारी खदान के भीतर प्रवेश नहीं कर सके। एसईसीएल के अधिकारी मौके पहुंचने के बाद ग्रामीणों को आश्वासन दिया। जिस पर ग्रामीणों ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त किया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रबंधन उनकी मांगें पूरी नहीं करेगा तो पुन: वे आंदोलन पर बैठेंगे। ग्रामीणों की मांग थी कि खदान के 17 नंबर फेस को तत्काल बंद किया जाए और किसी प्रकार का कंपन ग्राम में न हो। भेजीनारा के क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वे कराकर एसईसीएल प्रबंधन उचित मुआवजा दे। निस्तारी हेतु बैगाभावर तालाब में बोर कराया जाए। साथ ही गांव में स्ट्रीट लाइट व पेयजल की व्यवस्था भी व्यवस्थित हो। लोहारमुड़ा तालाब में निस्तारी हेतु पानी की व्यवस्था की जाए। भेजीनारा बस्ती तक जो रोड स्कूल तक गुजरती है उसे मरम्मत कराया जाए।