Friday, October 11, 2024
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मनमानी : ग्राम भलपहरी के खेतों में ब्लैक स्मिथ फेंक रहा संयंत्रों की राख, खेत और फसलों को नुकसान, जल स्रोत भी दूषित हो रहे


0 पक्की सड़क पर उड़ता है धूल का गुबार, किसानों के साथ-साथ राहगीर भी हलाकान

कोरबा (खटपट न्यूज)। ऊर्जाधानी के विद्युत संयंत्रों की राख शहर और उपनगरीय इलाकों में अपना दुष्प्रभाव फैलाने के साथ ही अब गांवों की ओर रुख करने लगी है। संयंत्रों की बेशुमार राख का निस्तार एक बड़ी समस्या बनकर खड़ी हुई है और जिन्होंने राख निस्तार और डंपिंग का ठेका लिया हुआ है, उनके द्वारा मनमाने तरीके से, प्रदूषण नियंत्रण के नियमों को ताक पर रखकर जहां-तहां राख फेंकवाई जा रही है।

इन दिनों कोरबा-कनकी मार्ग पर स्थित ग्राम भलपहरी के किसान और रहवासी ब्लैक स्मिथ कार्पोरेशन नामक कंपनी के द्वारा खेतों के आसपास विशाल क्षेत्रफल में फेंकवाई जा रही राख के कारण परेशान हो रहे हैं। इस कंपनी के भारी भरकम वाहनों का आवागमन लगातार होते रहने से जहां हादसे का खतरा बना रहता है वहीं ग्राम भलपहरी के प्रवेश से लेकर लगभग 1 किलोमीटर तक कीचड़ ही कीचड़ नजर आता है। बारिश में यह कीचड़ हादसे का सबब बनता है तो सूखे मौसम में धूल का गुबार उड़ने से राहगीर हलाकान हो रहे हैं।

खेतों में राख फेंकवाने से यहां के ग्रामवासियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। हाईवा और अन्य वाहनों के जरिए ग्राम भलपहरी तक लाई जा रही राख को यहां सड़क किनारे से लगकर मौजूद खेतों में फेंकने के साथ ही इसे दूसरे वाहनों के जरिए समतलीकरण कराया जा रहा है। यह काम विशाल क्षेत्रफल में हो रहा है, जिससे उक्त क्षेत्र से लगे खेतों में राख और राख मिश्रित पानी बहने से खेत प्रदूषित होने के साथ-साथ उपजाऊपन भी खो रहे हैं। खेतों में लगी फसल और फलदार पौधे नष्ट हो गए हैं। गिट्टी, बोल्डर बिछाने के बाद भरी जा रही राख निकट स्थित नदी-नाला में भी बहने से पानी प्रदूषित होने लगा है। धनुहारपारा मोहल्ला में पानी की कमी होने से यहां के लोग निस्तार के लिए इसी नदी-नाला का पानी ले जाते हैं, जो राख निस्तार के कारण प्रदूषित होकर हाथ-पैर में जलन की समस्या उत्पन्न कर रहा है। ग्रामवासी पदुम पटेल ने बताया कि सिंचाई विभाग की जमीन पर नींबू, केला, बीही, आम जैसे 40-50 फलदार पौधे लगाए गए थे, जो राख में दबकर नष्ट हो गए हैं। पानी निकासी का रास्ता नहीं होने से राख खेतों में बह रही है जबकि कंपनी के द्वारा पानी निकासी का रास्ता बनाने की बात कही गई थी। अन्य किसानों ने बताया कि राख के कारण खेत और फसल नष्ट होने से उनके आजीविका का साधन प्रभावित हो रहा है जबकि वे 40-50 वर्षों से यहां खेती करते आ रहे हैं। भलपहरी के अलावा ग्राम तरदा के भी कुछ स्थानों पर सड़क किनारे अवैध तरीके से राख फेंकी जा रही है। ग्रामीणों ने कहा है कि इस तरह की मनमानी से सिंचाई, राजस्व विभाग और किसानों की जमीन प्रभावित हो रही है जिस ओर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।

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