Sunday, September 8, 2024
Google search engine
Google search engine
Google search engine
Google search engine
Homeछत्तीसगढ़अबूझमाड़ की नक्सल पीड़ित महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और विशिष्ट...

अबूझमाड़ की नक्सल पीड़ित महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा को बताए अपने स्वावलंबन की कहानी

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने बांस से बने सामानों को देखा

श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिलाओ से कंधे में हाथ रखकर पूछी….कहा से हो…महिलाओं ने बताया अबूझमाड़ से

अबूझमाड़ की महिलाओं ने विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा को बांस से बने गुलदस्ता किये भेंट

रायपुर (खटपट न्यूज़)। भरोसे का सम्मेलन में जगदलपुर में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने कार्यक्रम स्थल में नारायणपुर जिले के बांस शिल्प केंद्र द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनके सामानों की जमकर सराहना की। अवलोकन के दौरान श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा को महिलाओं ने बांस से बने गुलदस्ता भेंट किया, तो श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिला के कंधे पर हाथ रखकर पूछी, आप कहाँ से हैं….महिलाओं ने हंसते हुये जवाब दिया अबूझमाड़ से।

नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के ग्राम गुमियाबेड़ा की सीताबाई और ग्राम उसेबेड़ा की पालेबाई ने बताया कि नक्सलियों द्वारा उनके परिवार के सदस्यों की हत्या उपरांत वे अबूझमाड़ छोड़कर नारायणपुर आकर बस गए। ये नक्सल पीड़ित अनपढ़ महिलाओं के पास कमाने का कोई साधन नही था, इन्हें शासन द्वारा नारायणपुर में बसाकर बांस शिल्प का प्रशिक्षण दिया गया अब ये बांस शिल्पी बनकर आर्थिक स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ रही है और आर्थिक स्वावलंबन की कहानी लिख रही है। शासन द्वारा जिले के स्थानीय ग्रामीण और यहां की जनजाति के लोग बांस शिल्प के महत्व को समझते परखते हैं। यहां के लोग बांस का काम प्रमुखता से कर अनेक उपयोगी मनमोहक और आकर्षक सामग्रियों का निर्माण करते हैं। बांस शिल्प के प्रति स्थानीय लोगों की रूचि के कारण नारायणपुर में बांस शिल्प प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई। इस प्रशिक्षण केंद्र में स्थानीय निवासियों को बांस शिल्प के साथ-साथ बेल मेटल और काष्ठ कला का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। बांस शिल्प का प्रमुख उद्देश्य यहां के जनजातीय परिवार जो परंपरागत रूप से शिल्प कार्य में संलग्न रहते। हैं, उनको निरंतर रोजगार प्रशिक्षण आदि के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराना है।

 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन पर बांस शिल्प वनवासियों के रोजगार का आधार बना है। अबूझमाड़ में निवास करने वाले वनवासी परिवार के लोगों को रोजगारमूलक बांस शिल्प के कार्य से जोड़ा गया है। नारायणपुर जिले के बांस शिल्प द्वारा जनजातीय परिवार के लोगों को निरंतर बांस शिल्प के कार्यों में प्रशिक्षण देकर डिजाईनिंग डेवलपमेंट के माध्यम से विभिन्न प्रकार के बांस से निर्मित फर्नीचर, घरेलू उपयोगी और सजावटी सामग्रियों का निर्माण कराकर रोजगार सृजन किया जा रहा है। 

जिले के जनजाति परिवारों के परंपरागत बांस शिल्प व्यवसाय से हटकर उपयोगी सामग्रियों का निर्माण सोफा सेट, टेबल, स्टूल, मोडा, पार्टीशन, रेक आदि के अतिरिक्त नवाचार करते हुए बांस के बास्केट, बटन, स्टॉपर, गमला पाट, पेन स्टैंड ,टी कोस्टर, लेम्प, पलंग एवं बॉस के ट्री गार्ड आदि प्रमुखता से निर्माण कराकर विक्रय किया जा रहा है। इस केंद्र के माध्यम से रोजगार के सृजन से स्थानीय स्तर पर लगभग 40 परिवारों के 100 लोग लाभान्वित हो रहे हैं। बीते वित्तीय वर्ष में 9 लाख का मुनाफा भी कमाया है।बांस शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए बेंबू बॉक्स छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड रायपुर, बेंबू बटन अपेक्स हैंडलूम हथकरघा विभाग, बेंबू स्टापर पुलिस अधीक्षक नारायणपुर और कोण्डागांव को मांग के अनुरूप आपूर्ति की गई। इसके अतिरिक्त यहां निर्मित बेंबू मोबाइल-कम-पेन स्टैंड, बेंबू लेम्प और बेंबू पलंग लोगों की पहली पसंद बन गई है।

Google search engine
    Google search engine
    Google search engine

    Google search engine
    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments