0 न्यायालय ने कलेक्टर और निगम आयुक्त को गाइड लाइन का सख्ती से पालन करने कहा
कोरबा (खटपट न्यूज)। कोरबा जिला के बरबसपुर में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर के ड्रीम प्रोजेक्ट पर एक के बाद एक ग्रहण लगता ही जा रहा है। प्रस्तावित न्यू ट्रांसपोर्ट के मामले में अब हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी हैं। जिस पर हाईकोर्ट ने सनुवाई करते हुए कोरबा कलेक्टर और नगर निमग आयुक्त को एड्रेस करते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइड लाइन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया हैं। आपको बता दे कि इससे पहले न्यू टी.पी. नगर के मुद्दे पर पर्यावरण विभाग और एसईसीएल ने एनओसी देने से इंकार कर मुश्किले बड़ा दी हैं। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर बरबसपुर में प्रस्तावित न्यू टी.पी. नगर को बड़ा झटका लगा हैं। गौरतलब हैं कि औद्योगिक नगरी कोरबा जिला में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर का मामला अब हाईप्रोफाईल होता जा रहा हैं। शहर के बीचों-बीच स्थापित ट्रांसपोर्ट नगर आज एक बड़ी समस्या हैं। साल 2016 से ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर स्थापित करने की योजना बनाना शुरू किया गया।
लेकिन आज कोरबा जिला के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर एक के बाद एक कर ग्रहण लगता जा रहा हैं। हाईकोर्ट के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कोरबा के आरटीआई कार्यकर्ता की तरफ से न्यायालय में याचिका दायर की गयी थी। यात्रिका में अब्दुल सुल्तान ने बरबसपुर में प्रस्तावित न्यू ट्रांसपोर्ट नगर के प्रस्ताव पर स्टे लगाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दिया था कि बरबसपुर में नगर निगम का ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र के नाम पर 72 एकड़ जमीन आबंटित लिए आबंटित कर प्रस्तावति किया गया हैं। जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गाइड हैं। इसी 72 एकड़ जमीन में से 40.36 एकड़ जमीन न्यू ट्रांसपोर्ट नगर लाइन के मुताबिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र के आसपास के 200 से 500 मीटर के दायरे में बफर जोन घोषित होने के साथ ही नो डेव्लपमेंट एरिया घोषित होने की दलील दी गयी। इस पूरे प्रकरण में सुनवाई के बाद न्यायधीन ने बरबसपुर में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर को प्रस्तावित स्टेज पर होने के कारण स्टे न देकर सारी प्रक्रिया में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निमयों का सख्ती से पालन का निर्देश दिया गया हैं। गौरतलब हैं कि हाईकोर्ट के इस आदेश से पहले पर्यावरण विभाग के साथ ही एसईसीएल ने बरबसपुर में प्रस्तावित न्यू ट्रांसपोर्ट नगर को एनओसी देने से इंकार कर दिया हैं। पर्यावरण विभाग ने जहां नगर निगम के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र के कारण एनओसी देने में असमर्थता जाहिर की हैं, वही एसईसीएल कोरबा क्षेत्र ने बरबसपुर और खास लोगों की नजर मुख्यमंत्री को कोल बेयरिंग क्षेत्र बताते हुए एनओसी जारी नहीं किया गया। ऐसे में अब इन सारी बाधाओं के बाद शहर के हर द्वारा गठित सचिव स्तर की टीम की रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं। क्योंकि इन सारी आपत्तियों के बाद अगर कहीं बरबसपुर में न्यू टी.पी. नगर पर पूर्ण विराम लग जाता हैं, तो उन व्यापारियों को भी तगड़ा झटका लगेगा, जिन्होंने सालों पहले प्रस्तावित टी.पी.नगर को देखते हुए जमीन खरीद रखी थी। ऐसे में इन सारी आपत्तियों के बाद सचिव स्तर की टीम बरबसपुर में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का फैसला देती हैं, या फिर जिला प्रशासन को दूसरे स्थान पर टी.पी. नगर के लिए स्थल चयन का निर्देश दिया जाता हैं, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।