0 इस लिंक को एड करवाकर फोन-पे में ट्रांसफर कराया रकम
कोरबा(खटपट न्यूज)। गर्भवती महिलाओं के पोषण और जन्म लेने वाले बच्चे की देखरेख में आर्थिक सहयोग के लिए प्रथम संतान के जन्म पर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है। केन्द्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें भी ठग सेंध लगाने से बाज नहीं आ रहे। पिछले दिनों हुए 2 घटनाक्रमों में से एक में ठग सफल नहीं हो पाया जबकि दूसरे प्रयास में 2 हितग्राहियों को हजारों रुपए का चूना लगा दिया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के आवेदन प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ दिलाने हेतु लिए जाते हैं। संबंधित हितग्राही को 3 किश्त में कुल 6 हजार रुपए उसके द्वारा दिए गए बैंक खाता में जमा कराए जाते हैं। योजना पूरी तरह से पारदर्शी है लेकिन ठगों ने इसमें भी अपना ठगी का रास्ता निकाल लिया है। पिछले दिनों नगर निगम क्षेत्र के रापाखर्रा मोहल्ले के निवासी(जिनकी पत्नी प्रथम गर्भवती) को मोबाइल नंबर 91634-29293 से फोन किया गया। फोन करने वाले ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कांफ्रेंस में लिया और हितग्राही के पति को संबोधित करते हुए पत्नी के प्रथम बार गर्भवती होने की जानकारी दी। उसने स्वयं को स्वास्थ विभाग से होना बता कर पीएमएमवाई योजना की राशि खाता में डालने के लिए खाता नंबर पूछा। इसके बाद कार्यकर्ता को फोन कॉल से अलग कर महिला के पति को कहा कि पैसा खाता में आएगा और फोन-पे चलाते हों तो बताएं। जानकारी लेने के बाद कथित स्वास्थ्य विभाग के कर्मी ने एक एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए लिंक भेजा और कहा कि इसमें पैसा आएगा और अगर योजना जा पैसा लेना है तो जैसा कहता हूं वैसा करो। हितग्राही ने लिंक खोलकर टीम व्यूवर क्विक सपोर्ट नामक ऐप को डाउनलोड किया और जैसे ही इसको चालू किया, सामने वाले ने प्रक्रिया पूरी कराते हुए पहले 1 हजार रुपए ट्रांसफर कराया। अपने फोन-पे पर यह रुपए ट्रांसफर कराने के बाद कहा कि जो पैसा दिया जा रहा है, वह उसके खाते में वापस आ जाएगा और 6 हजार रुपए योजना का पैसा भी मिलेगा। इस तरह ठग ने कुल 4300 रुपए की ठगी कर लिया लेकिन यह पैसा वापस नहीं आया।
इसके कुछ देर बाद इसी मोहल्ले के एक अन्य हितग्राही के पति को भी उपरोक्त नंबर 91634-29293 से फोन कर कार्यकर्ता को कांफ्रेंस कॉल में लेकर भरोसा दिलाया और फिर वही लिंक भेज कर ऐप डाउनलोड करा कर फोन-पे के जरिए लगभग 11 हजार रुपए ठगी कर लिया। इस दौरान ठग के द्वारा यह कहा जाता रहा कि जो भी रुपए जमा किए जा रहे हैं, वह सभी राशि और योजना की राशि मिलाकर खाता में जमा हो जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
0 पीड़ित नाउम्मीदी में, नहीं किये शिकायत
पीड़ितों ने इसे एक घटना समझ कर भुला दिया है और रुपए वापस नहीं मिलने की सोच कर शिकायत भी नहीं किए हैं। बता दें कि इससे पहले भी सीतामणी क्षेत्र की एक अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को अज्ञात ठग ने हितग्राही के परिजन को कांफ्रेंस कॉल में लेकर ठगने का प्रयास किया लेकिन हितग्राही के परिजन और कार्यकर्ता की सजगता से ठगी नहीं हो पाई लेकिन गुरुशरण और अनिल ठगी का शिकार हो गए।
0 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही भरते हैं फॉर्म, पैसा सीधे हितग्राही के खाता में
बता दें कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के आवेदन निर्धारित प्रारूप में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ही भरे जाते हैं और आवेदन दफ्तर में एंट्री कराने के बाद विधिवत कार्रवाई होने उपरांत राशि सीधे हितग्राही के द्वारा दिए गए बैंक खाता में आती है। इसमें किसी भी प्रकार से किसी दूसरे विभाग की कोई दखलंदाजी नहीं होती। साथ ही इस योजना के लिए किसी को भी अतिरिक्त राशि देने की आवश्यकता नहीं होती और ना ही किसी तरह का कमीशन देने की जरूरत है।
0 भ्रमित होने की यह बड़ी वजह
हालांकि गर्भवती महिला को समय-समय पर चिकित्सा संबंधी कार्यों के लिए उस क्षेत्र की मितानिन व स्वास्थ्य कार्यकर्ता के संपर्क में रहना पड़ता है। हितग्राही को स्वास्थ्य और महिला बाल विकास दोनों विभाग से लाभान्वित होना होता है,इसलिए यह एक बड़ी वजह है कि स्वास्थ्य विभाग से होना बताने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए एकबारगी अविश्वास करना सम्भव नहीं हो पाता वहीं हितग्राही भी भरोसा कर बैठते हैं कि इसमें क्या फ्रॉड होगा। ठग ने बड़ी ही चालाकी से कार्यकर्ता को कांफ्रेंस में लिया और स्वयं ही बताया कि पत्नी गर्भवती है जिससे कि हितग्राही के परिजन व कार्यकर्ता को ठग के शासकीय कर्मी होने का भरोसा हो गया था।