पेंड्रा। जनपद पंचायत पेंड्रा हमेशा अपने कारनामे की वजह से सुर्खियों में बन रहता है. यहां पहले गरीबों का शौचालय चोरी हुआ, फिर गरीबों का प्रधानमंत्री आवास चोरी हो गया, लेकिन इस बार तो हद हो गई. जनपद पंचायत क्षेत्र में बनाए जा रहे लाखों का पुल निर्माणाधीन स्थल से ही गायब हो गया. सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, इस पुल का निर्माण 20 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है. इसमें मनरेगा के तहत 1 लाख रुपए का भुगतान भी हो गया है.
ग्रामीणों ने बताया कि जनपद पंचायत के अधिकारी-कर्मचारियों ने ठेकेदार को काम दिलाने के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बचारवार गांव से एक प्रस्ताव बनवाया गया. ग्राम पंचायत बचारवार से कोटखर्रा पहुंच मार्ग पर तिपान नाला में 20 लाख रुपयों की लागत से पुल निर्माण कराया जाना तय हुआ. पुल निर्माण कार्य मनरेगा से होना था, जिसके कारण तत्काल अधिकारियों ने भी प्रस्ताव के आधार पर पुलिया भी स्वीकृत कर दी और काम भी शुरू हो गया. लेकिन जब ग्रामीणों को जानकारी मिली कि बचारवार के खसरा नंबर 1932 में तिपान नाले में 20 लाख की लागत से पुल निर्माण कार्य जनपद के द्वारा कराया जा रहा है, कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंचे, पर निर्माणाधीन पुल नहीं दिखा. ग्रामीणों को जानकारी मिली कि सिर्फ कागजों में मनरेगा के तहत पुलिया निर्माण कार्य जारी है.
पुल निर्माण कार्य में मनरेगा के तहत लगभग 1 लाख रुपयों का मजदूरी भुगतान भी जनपद के द्वारा कर दिया गया है. जब ग्रामीणों ने पुल गायब होने की शिकायत अधिकारियों से की तो वो भी हैरान हो गए, और जांच करने मौके पर पहुंचे, तो वहां पर कोई भी पुलिया नहीं मिला. अधिकारियों ने उसके बाद ग्राम पंचायत से आए प्रस्ताव को खंगाला, तब पता चला कि ठेकेदार को लाभ दिलाने की नीयत से ग्राम पंचायत से पुलिया निर्माण कराए जाने का प्रस्ताव जनपद में दिया गया था और मामले में फर्जी दस्तावेज लगाकर काम दूसरे जगह पर शुरू करा दिया गया.