कोरबा(खटपट न्यूज़)। गुम हुए बालक-बालिकाओं की तलाश में जुटी पुलिस की अलग-अलग टीम को देश के विभिन्न राज्यों की दौड़ लगानी पड़ी। गुमशुदा बच्चों ने कभी लोकेशन बदलकर तो कभी गलत पता बताकर टीम को छकाने और गुमराह करने का भी काम किया लेकिन मेहनत आखिरकार रंग लाई और 20 बच्चे बरामद किए गए। अपने बच्चों को सकुशल वापस पाकर परिजनों की खुशियां लौट आई। पुलिसकर्मियों के प्रति आभार प्रकट कर कोरबा पुलिस को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
पुलिस अधीक्षक द्वारा विगत दिनों लंबित गुम इंसान प्रकरणों की समीक्षा कर गुम हुए बच्चों के बरामदगी हेतु निर्देश दिए गए थे। निर्देश के पालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व, नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रॉबिंसन गुड़िया, कोरबा विश्वदीपक त्रिपाठी एवं एसडीओपी कटघोरा ईश्वर त्रिवेदी के पर्यवेक्षण में सभी थाना चौकी प्रभारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र से गुम हुए बालक-बालिकाओं के तलाश हेतु विशेष अभियान चलाकर टीम भेजा गया। गुम बच्चों के मिलने के सभी संभावित स्थानों पर सघन खोज की गई। 16 बालिका एवं 4 बालकों को जम्मू कश्मीर, पुणे, गुजरात, हैदराबाद और अमृतसर से बरामद किया गया।
0 टीम ने दिया सूझबूझ का परिचय
विशेष अभियान के तहत जब गुम बच्चों की तलाश शुरू की गई तो पुलिस टीम को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई मामलों में बच्चों ने ऐन वक्त पर अपना लोकेशन बदलकर तो कई बच्चों ने गलत पता बताकर, गुमराह कर पुलिस को छकाया किंतु टीम ने भी सूझबूझ, धैर्यता व दृढ़तापूर्वक कार्य कर बच्चों को बरामद किया। 15 बच्चों को छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न जिलों से बरामद किया गया वहीं 5 बच्चों को भारत के विभिन्न प्रांतों से बरामद करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी ।
0 लोकेशन तमिलनाडु, बरामद हुई महाराष्ट्र से
पुलिस ने बताया कि थाना बालको क्षेत्र से जुलाई 2022 को बालिका अपने घर से बिना बताए चली गई थी उसका पता लगाकर महाराष्ट्र के पुणे रेलवे स्टेशन से बरामद किया गया। उक्त बालिका का लोकेशन तमिलनाडु में आ रहा था जो लगातार अपना लोकेशन बदल रही थी और पुलिस के पहुंचने के पहले ही किसी दूसरे स्थान पर चली जाती थी। लगभग 15 दिवस तक विभिन्न स्थानों पर रुक कर बालिका को बरामद किया गया। इसी तरह कोतवाली क्षेत्र से गुम 17 वर्षीय बालक सितंबर में कहीं चला गया था। उसके दिल्ली में होने का पता चला और पुलिस जब दिल्ली पहुंची तो बालक ने पहाड़गंज इलाके में होना बताकर गुमराह किया और ट्रेन से अमृतसर जाकर मोबाइल बंद कर दिया। टीम ने 6 दिन तक दिल्ली और अमृतसर में सघन अभियान चलाकर बालक को खोज निकाला।
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