उत्तराखंड में मानसून की बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है. पिथौरागढ़ में तो हालात बेहद खराब है. पिथौरागढ़ के मोरी गांव में आपदा पीड़ितों की समस्याएं सुनकर लौट रहे धारचूला के विधायक हरीश धामी बाल-बाल बचे. नाले में पैर फिसल गया था. मलबे के तेज सैलाब को देख साथ में चल रहे कार्यकर्ता भी बेहद घबराए नजर आए। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने उन्हें बाहर निकाला और डॉक्टरों को बुलाकर उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी।
खबरों के मुताबिक विधायक धामी टांगा गांव में आई आपदा के बाद से लगातार प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों का हाल जान रहे हैं।
बता दें कि 19 जुलाई की रात को बंगापानी तहसील के मेतली, बगीचागांव, लुम्ती, जारा जिबली और मोरी गांवों में बारिश ने जमकर कहर बरपाया था। इसके बाद 29 जुलाई को भी मोरी गांव में बारिश ने भयानक रूप ले लिया।
सेना और एसडीआरएफ के जवान क्षेत्र में राहत एवं बचाव के प्रयासों में लगे हैं, लेकिन नदियों में पुल और संपर्क मार्गों के बह जाने से गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान तक लाना आसान नहीं है।
मेतली, बगीचाबगड़, मोरी और जारा जिबली गांवों में सभी घरों में मलबा घुसा हुआ है। ग्रामीण बच्चों के साथ खेतों में रात गुजार रहे हैं। यही हाल मुनस्यारी तहसील के जोशा और धापा गांवों का भी है।
यहां के 60 से अधिक परिवार जंगल और खेतों में बने टेंटों में रह रहे हैं। लुम्ती के रमेश सिंह ने बताया कि गांव से बाहर निकलने का रास्ता नहीं है। अभी तक मदद नहीं पहुंची है। अधिक बारिश होते ही खेतों में चले जाते हैं।
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