भोपाल। राज्य सरकार ने अन्य राज्यों से पैदल चलकर आने वाले 38 हजार से अधिक श्रमिकों को मध्यप्रदेश में पैदल नहीं चलने दिया। इन सभी श्रमिकों को मध्यप्रदेश की सीमा पर अतिथि की तरह भोजन पानी, दवाई की व्यवस्था सुनिश्चित कर उन्हें उनके राज्य की सीमा तक पहुंचाया। शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के दूसरें राज्यों में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित अपने प्रदेश लाने के अभियान के साथ ही अन्य राज्यों के श्रमिकों के लिए भी मेहमान जैसी व्यवस्था करने के निर्देश दिये थे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक-एक श्रमिक को उसके गंतब्य तक पहुंचायेंगे।
सीएम श्री चौहान के निर्देश पर सीमावर्ती जिलों के जिला प्रशासन ने जहां मुस्तैदी से व्यवस्था की वहीं विभिन्न संगठनों और समाज के लोगों ने भी सक्रियाता से भाग लेकर श्रमिकों को सब तरह की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर उनके सफर को आसान बनाने में अपना योगदान दिया। दक्षिण-पश्चिम के राज्यों से उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड जाने वाले श्रमिक मध्यप्रदेश से गुजर रहें है। सेंधवा के बिजासन बार्डर पर सबसे अधिक संख्या में अन्य राज्यों के श्रमिक पहुंच रहे हैं। महाराष्ट्र अकेले से आये लगभग 36 हजार श्रमिकों को मध्यप्रदेश की सीमा तक 819 बसों से पहुंचाया गया। अन्य सीमावर्ती जिलों में भी इसी तरह की व्यवस्थाएं की गई है। अन्य राज्यों के श्रमिकों के लिए एक हजार बसें लगी हुई हैं। महाराष्ट्र की सीमा से प्रवेश करने वाले श्रमिकों को नाश्ता, पानी, भोजन देने में बड़ी बिजासन माता समिति एवं नागलवाड़ी भलटदेव समिति महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। यह दोनों संस्थाएं प्रतिदिन लगभग 10 हजार से अधिक भोजन के पैकेटों का वितरण कर रही है। इसके साथ ही मुरैना, श्यापुर, झाबुआ, अलीराजपुर, नीमच, सिवनी, बालाघाट, बुरहानपुर सीमावर्ती जिलों में भी इसी प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है।
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