Thursday, February 6, 2025
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पंचायतों को नहीं मिल रही खनिज रायल्टी की राशि,दो साल से है इंतजार


कोरबा(खटपट न्यूज़)। गौण खनिज से प्राप्त होने वाले राजस्व का जो हिस्सा पंचायतों को विकास कार्यों के लिए प्रदाय किया जाना चाहिए, वह ग्राम पंचायतों को विगत 2-3 वर्षों से नहीं मिल रहा है। यह राशि नहीं मिलने से पंचायतों के छोटे-छोटे विकास कार्य अवरुद्ध पड़े हुए हैं। पंचायतों को इसके समाधान का इंतजार है ताकि राशि जारी हो और आवश्यकतानुसार छोटे-मोटे कार्य कराए जा सकें।

ग्राम पंचायत क्षेत्रों में आने वाले नदी-नालों जहां से रेत का खनन किया जाता है, वह पूर्व में पंचायतों द्वारा खदान के तौर पर संचालित किए जाते रहे। इसी तरह गौण खनिज में शामिल मुरुम, मिट्टी खनन के संबंध में भी पंचायतों को कुछ अधिकार प्रदत्त हैं। इनसे रायल्टी के तौर पर मिलने वाली राशि पंचायतों में नाली, सीसी रोड, पुलिया सहित अन्य निर्माण व विकास में खर्च होती रही। यह व्यवस्था 2-3 साल पहले बनी हुई थी। बाद में रेत खदानों/घाट का संचालन नीलामी के जरिए ठेकेदारों को आवंटित किया गया। ठेका पर रेत खदान/घाट दिए जाने के बाद से ग्राम पंचायतों को विकास के लिए रायल्टी राशि का हिस्सा मिलना बंद हो गया है। निर्देश और तकनीकी कारणों से यह अव्यवस्था उत्पन्न हुई है जिसके कारण छोटे-छोटे जरूरी कार्यों के लिए राशि का अभाव बना हुआ है।
खनिज विभाग के अधिकारी ने बताया कि रेत, मिट्टी, मुरुम जैसे गौण खनिज की रायल्टी का 67 प्रतिशत हिस्सा पंचायतों को विकास के लिए मिलता रहा है। पंचायतों मेें रेतघाटों की नीलामी की व्यवस्था के बाद शासन की ओर से निर्देश जारी हुआ कि रायल्टी के तौर पर प्राप्त होने वाली राशि शासन के खनिज शाखा में जमा कराई जाएगी और शासन द्वारा उक्त जमा राशि का दोगुना रकम जिला खनिज शाखा में जमा कराया जाएगा। खनिज शाखा से सूची तैयार की जाएगी कि किस घाट से कितनी रायल्टी प्राप्त हुई है और प्राप्त रायल्टी के आधार पर ठीक दोगुनी रकम पंचायतों को जिला पंचायत के माध्यम से वितरित किया जाना है। हालांकि यह निर्देश अभी अमलीजामा नहीं पहन सका है जिसके कारण पंचायतों को मिलने वाली राशि अधर में लटकी हुई है। यह भी बताया कि गौण खनिज में रेत को छोड़कर मिट्टी, मुरुम से प्राप्त होने वाली रायल्टी का 33 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण विकास विभाग को दिया जाता है और 67 प्रतिशत राशि शासन से वापस होकर पंचायतों को प्रदत्त की जाती है। विगत 2-3 वर्षों से रेत अथवा गौण खनिज के रायल्टी राशि का हिस्सा पुराने अथवा नए किसी भी सर्कुलर के आधार पर ग्राम पंचायतों को प्राप्त नहीं हो रहा है।
0 दो साल से नहीं मिली है रॉयल्टी की राशि
ग्राम पंचायत चोरभट्टी के सरपंच घनश्याम राठिया ने बताया कि किसी प्रमोद राठौर ने घाट का ठेका लिया था जो 15 जून को 2 साल होकर खत्म हो गया है। किसी भी तरह से रायल्टी की राशि पंचायत को आवंटित नहीं की गई है जिसके कारण पंचायतों में होने वाले विकास कार्य बाधित हैं। ग्राम पंचायत भैंसामुड़ा सरपंच रामबाई बिंझवार के पति सीताराम ने बताया कि पहले पंचायत के द्वारा रेतघाट चलाया जा रहा था। अभी यह घाट ठेका में चल रहा है लेकिन दो साल में एक रुपया भी पंचायत को विकास कार्य के लिए प्राप्त नहीं हुआ है। यह राशि मिल जाने से पंचायत के कार्यों में सहजता होती है। इसी तरह पाली ब्लाक के पोड़ी सरपंच ने बताया कि ठेकेदार के द्वारा रायल्टी की राशि का कोई भी हिस्सा नहीं दिया गया है। जनपद पंचायत से भी कोई जानकारी इस संबंध में सरपंचों को ठीक से प्राप्त नहीं हो पा रही है।

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