भोपाल। कोरोना के कारण उपजे संकट की इस घड़ी में स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मरीजों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। मुरैना जिला चिकित्सालय में पदस्थ स्टाफ नर्स दिव्या कुशवाह तो अपनी निजी जिन्दगी की खुशियों को तिलांजलि देकर अग्रिम योद्धा के रूप में कोरोना की जंग में अपना योगदान दे रही हैं। दिव्या कुशवाह की शादी रीवा में 17 मई को होना तय हुआ था। उन्होंने इस संकट के समय न केवल अपनी शादी के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया बल्कि पूरे जोश के साथ जिला चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड और आईसीयू की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। अनुभवी स्टाफ नर्स एवं कार्य में दक्ष होने के कारण वे रोजना 50 से 55 कोरोना की सैम्पलिंग एवं रिकार्ड संधारण का जिम्मा संभाल रही हैं। सुश्री कुशवाह का कहना है कि शादी की तारीख तो बाद में भी तय हो सकती है परन्तु वे ऐसे समय केवल इस चुनौतीपूर्ण कार्य को ही पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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उन्होंने पिछले एक माह में 651 मरीजों की स्क्रीनिंग एवं जाँच के लिए नमूने लेकर रिकार्ड संधारित किया है। सुश्री कुशवाह यह कार्य करते समय पूरी सावधानी, सतर्कता और सुरक्षा का भी ख्याल रखती हैं। अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन के समय पीपीई किट, सर्जिकल दस्ताने, मास्क और हैण्डकैप पहन कर तथा सेनेटाइज्ड करने के बाद ही इस कार्य को अंजाम देती हैं। हरदा जिले की हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा निरंतर अपने क्षेत्र में भ्रमण कर लॉकडाउन का न केवल पालन करा रही हैं बल्कि आम लोगों को जागरूक भी कर रही हैं। इसके अलावा गाँवों में जरूरतमंदों की जानकारी प्राप्त कर उन्हें शासकीय सहायता के साथ-साथ जन-सहयोग से राशन भी उपलब्ध करवा रही हैं। उनका कहना है कि एक लोकसेवक के रूप में यही मौका है जिसमें वे अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर सकती हैं।
शिवपुरी जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉ. दिनेश राजपूत ओपीडी और अन्य वार्डों की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के साथ-साथ कोरोना के नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। उन्होंने अपना मोबाइल नम्बर सार्वजनिक किया है और अब वे 24 घंटे लोगों की समस्याएँ सुनने के लिए उपलब्ध रहते हैं। डॉ. राजपूत का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों से जब लोगों के फोन आते हैं तो वे संबंधित के पते पर मेडिकल टीम भेजते हैं। लोगों के चैकअप करवाना, प्रतिदिन सैंपल भिजवाना और ब्लॉक स्तर पर काम कर रही टीम से समन्वय करने का काम डॉ. राजपूत का रूटीन बन गया है। वे अग्रिम योद्धा के रूप में जुटे हुए हैं। मरीज की समय पर पहचान कर उपचार की व्यवस्था किए जाने के कारण शिवपुरी जिले में एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं पाया गया है।