भोपाल। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने डिजिटल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंत्री श्री सिलावट ने शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतीक चिन्ह (मोनो/लोगो) एवं कार्यक्रम के परिचयात्मक वीडियो का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से प्रदेश के लगभग 2 लाख 70 हजार स्कूली शिक्षकों को डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। श्री सिलावट ने कहा कि इंटरनेट, मोबाइल और डिजिटाइजेशन के इस दौर में हम सीखने-सिखाने के परम्परागत तरीकों पर ही निर्भर नहीं रह सकते है। आज देश दुनिया कोरोना संकट के कठिन दौर से गुजर रही है। ऐसे समय में हमारे स्कूल बंद हैं। इसी कारण बच्चों और शिक्षकों के कौशल संवर्धन के लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने यह नवाचार किया है। श्री सिलावट ने इस नवाचार के लिये विभाग की पूरी टीम को शुभकामनाएँ दीं। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी ने बताया कि यह कार्यक्रम सभी जनशिक्षकों, बीएसी, बीआरसी, शाला प्रमुख, एपीसी एकेडेमिक, एडीपीसी और संकुल प्राचार्यों के लिए भी है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को उनकी गति के अनुसार रोचक तरीके से सीखने-सिखाने की विधियों और विषयवार कठिन अवधारणाओं का प्रशिक्षण प्रदान करना है। इससे विद्यालय खुलने पर शिक्षक बच्चों को और बेहतर ढंग से पढ़ाने में सक्षम हो सकेंगे। यह डिजिटल प्रशिक्षण कार्यक्रम विषय विशेषज्ञों द्वारा स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं के सहयोग से तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम में प्रमाण-पत्र दिए जाने का भी प्रावधान है। शिक्षकों द्वारा डिजिटल प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दीक्षा ऐप का उपयोग किया जायेगा। जिला स्तर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) के प्राचार्य और जिला परियोजना समन्वयक के नेतृत्व में डिजिटल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जायेगा। यह कार्यक्रम प्रदेश में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों के शिक्षकों और शैक्षिक संस्थानों को भी सीखने-सिखाने का बहुउपयोगी मंच प्रदान करेगा। इस अवसर पर आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत, उप सचिव अनुभा श्रीवास्तव उपस्थित थीं।
मंत्री सिलावट ने डिजिटल शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया शुभारंभ
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