Sunday, December 22, 2024
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/11/digital-ad-4-november-copy.jpg
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/10/kpt-advt-November-24-scaled.jpg
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/11/20x10.pdf
Homeरायपुरबायो इथेनॉल बनाने के लिए अर्लीबर्ड इनसेंटिव मिलेगा दो करोड़ रुपए

बायो इथेनॉल बनाने के लिए अर्लीबर्ड इनसेंटिव मिलेगा दो करोड़ रुपए

रायपुर. छत्तीसगढ़ में उत्पादित अतिरिक्त धान से बायो एथेनॉल बनाने की इकाईयां शुरू करने के प्रयास में जुटी प्रदेश सरकार ने इस परियोजना को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने तय किया है कि राज्य में बायो एथेनॉल के लिए एमओयू साईन करने के बाद 6 माह के अंदर इकाई में उत्पादन शुरू करने पर 2 करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। ऐसा करने के लिए सरकार ने अपनी नीति 2019-24 में संशोधन भी किया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन भी किया गया है। बताया गया है कि बायो एथेनॉल उत्पादन के लिए पहले आने वालों को (अर्लीबर्ड) को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया जाएगा। एमओयू करने के बाद 6 माह में इकाई में उत्पादन दिनांक से एक साल बाद निवेशित राशि का 1 प्रतिशत, अधिकतम राशि 2 करोड़ रुपए अनुदान दिया जा सकेगा। इस संबंध में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा अलग से निर्देश भी जारी किए जाएंगे।

50 लोगों को रोजगार देना होगा जरूरी छत्तीसगढ़ राज्य में बायो एथेनॉल के लिए एमओयू हस्ताक्षरित इकाई को औद्योगिक नीति 2019-24 में उल्लेखित तथा अतिरिक्त सुविधाएं प्राप्त करने की अवधि में स्थापित क्षमता प्रति 100 किलोलीटर प्रतिदिन के सापेक्ष में राज्य के न्यूनतम 50 लोगों को रोजगार देना जरूरी होगा। इसकी पुष्टि इकाई द्वारा जमा कराए गए ईपीएफ तथा ईएसआई सर्टिफिकेट के आधार पर की जाएगी। राज्य में बायो एथेनाॅल के उत्पादन के लिए औद्योगिक नीति 2019-24 की अ‌वधि में एक स्थान पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर एक ही धान आधारित बायो एथेनॉल सयंत्र को इस नीति में प्रोत्साहन की पात्रता होगी।

सवा दो किलो धान से एक लीटर बायो एथेनॉल

एक अनुमान के मुताबिक 2.25 किलो धान से एक लीटर बायो एथेनॉल का उत्पादन होगा। एक दिन में 100 किलोलीटर (100000 लीटर) बायो एथेनॉल उत्पादन के लिए 2 लाख 25 हजार किलो धान की आवश्यकता होगी। प्रोत्साहन पैकेज के साथ लागू होंगी ये शर्तें राज्य सरकार ने बायो एथेनॉल बनाने वाली इकाईयों को प्रोत्साहन देने के लिए अपनी औद्योगिक नीति के तहत कुछ नियम भी बनाए हैं। इनका प्रकाशन भी राजपत्र में किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि भविष्य में निवेशकों को किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव न पड़े। नियम में यह बात शामिल है कि मार्कफेड से धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर के साथ प्रशासकीय व्यय तथा वास्तविक परिवहन की दर पर कच्चे माल धान की व्यवस्था की जाएगी। इकाई को अपनी क्षमता का 60 प्रतिशत धान मार्कफेड से खरीदना अनिवार्य होगा। बाकी 40 प्रतिशत धान राज्य की मंडियों में पंजीकृत किसान, संस्थाओं से अतिरिक्त धान खरीदना अनिवार्य होगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments