रायपुर. रायपुर नगर निगम की नई परिषद गठन हुए सात माह हो गए, पर अभी तक निगम में विपक्ष की भूमिका निभाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी के पार्षद दल का नेता नहीं चुना। पीलिया, सफाई की समस्या, स्ट्रीट लाइट, राशनकार्ड बनाने में देरी जैसे जनसमस्या के बावजूद नेताविहीन नगर निगम के विपक्ष को लेकर एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पार्षदों में इस बात को लेकर नाराजगी है, वहीं निगम परिषद के सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष के चयन में देरी को लेकर को तंज कसना शुरू कर दिया है। उनका कहना है, भाजपा अंतर्कलह और गुटबाजी से उबर नहीं पाई, इसलिए नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं हो पाया।
दरअसल गरीबों के पेंशन, राशनकार्ड बनाने में देरी और शहर के 70 वार्डों में सफाई व्यवस्था के लिए नया ठेका होने के बाद भी अब तक नगर निगम प्रशासन द्वारा ठेकेदारों को सफाई ठेका का वर्कआर्डर जारी नहीं होने से पार्षदों में भारी नाराजगी है, पर पार्टी के द्वारा भाजपा के पार्षद का नेता नहीं चुने जाने के कारण वे अपनी बात सशक्त रूप से निगम प्रशासन के सामने रखने में असहज महसूस कर रहे हैं। वरिष्ठ पार्षद मीनल चौबे का कहना है, हम चाहकर भी शहर की ज्वलंत समस्या को सशक्त रूप से उठा नहीं पा रहे, समझ में नहीं आ रहा कि नेता प्रतिपक्ष चयन में इतनी देर क्यों हो रही है? डॉ. प्रमोद साहू का कहना है, भाजपा पार्षद दल का नेता चुनने में अब देर नहीं करनी चाहिए।