कोरबा-करतला(खटपट न्यूज़)। राजस्व संबंधी कामकाज में सुगमता लाने के लिए प्रदेश सरकार से लेकर जिले की मुखिया कलेक्टर श्रीमती रानू साहू द्वारा समय-समय पर ली जाने वाली बैठकों में आवश्यक निर्देश दिए जाते हैं। निर्देशों में पटवारियों को भी कहा जाता है कि वे आम जनता के राजस्व संबंधी कामकाज में विलंब ना करें बल्कि प्रकरणों का अविलंब निपटारा करें। पटवारियों को उनके हलका मुख्यालय में निवासरत रहने के भी निर्देश दिए जाते रहे हैं लेकिन इन निर्देशों का पालन होता नजर नहीं आ रहा। कोरबा अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले करतला क्षेत्र में पटवारियों को लेकर इस तरह की शिकायतें सामने आई हैं कि ये हल्का मुख्यालय से काफी दूर से आते हैं। अधिवक्ताओं से लेकर स्थानीय लोग इनके कामकाज के तरीके से परेशान हैं और भटकने के लिए मजबूर हैं। स्थानीय संवाददाता ने बताया कि प.ह.नं. 22 की पटवारी मुख्यालय में नहीं रहती हैं। ये कोरबा से आती हैं। प.ह.नं. 22 में जामपानी, छातापाठ, काशीपानी, लबेद ग्राम आते हैं। प.ह.नं.08 की पटवारी सोनप्रभा पाटनवार हरदीबाजार से आती हैं ।प.ह.नं 8 में ग्राम गाडापाली, ठरकपुर, नवापारा, पकरिया आते हैं। इसी तरह प.ह.न. 07 की पटवारी श्रीमती गीता पोर्ते भी उतरदा हरदीबाजार से आती हैं जबकि मुख्यालय सलिहाभांठा हैं और आश्रित ग्राम बंधवाभांठा है। बंधवाभाठा पूर्व गृहमंत्री एवं वर्तमान रामपुर विधायक ननकीराम कंवर का गृहग्राम भी है। इस तरह इन पटवारियों के आने-जाने में लंबी दूरी तय होने की वजह से कार्य प्रभवित होना स्वाभाविक है। छोटे-छोटे काम के लिए किसान चक्कर लगाते रहते हैं और पटवारी जब मर्जी होता-आते हैं। मर्जी नहीं होता तो नहीं आते हैं। इस तरह की शिकायतें हैं और भी हलकों में पटवारियों को लेकर लंबे समय से बनी हुई है। कलेक्टर की लगातार शिकायतों के बाद भी कामकाज के तौर-तरीके में सुधार नहीं आने से राजस्व संबंधी मामले लंबित भी होते जा रहे हैं।
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