कोरबा (खटपट न्यूज)। कोयला कंपनी एसईसीएल में फर्जी तरीके से नौकरी करने के दर्जनों नहीं बल्कि सैंकड़ों मामलों के बीच एक सनसनीखेज जानकारी सामने आई है कि भाजपा नेता देवेन्द्र पाण्डेय की फौती उठाकर एवं उनका पोता बताकर नौकरी के लिए नामांकन जमा किया गया है। हालांकि सारा कुछ प्रक्रियाधीन है लेकिन नौकरी के लिए लगातार दबाव बनाए जाने से महकमे में खलबली मची है। (हम श्री देवेन्द्र पाण्डेय के स्वस्थ व दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं)।

एसईसीएल के विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि कोरबा निवासी वरिष्ठ भाजपा नेता एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय पिता स्व. काशीप्रसाद पाण्डेय की फौती उठाकर छुरी निवासी केशव प्रसाद पाण्डेय पिता नरसिंह प्रसाद पाण्डेय नामक व्यक्ति ने नौकरी हेतु कुसमुंडा परियोजना में नामांकन करीब 6 वर्ष पूर्व दाखिल किया है जो लंबित है। कुसमुंडा परियोजना प्रभावित ग्राम बरकुटा के खसरा नंबर 109/7 की 15 डिसमिल जमीन के एवज में देवेन्द्र पाण्डेय का पोता बनकर केशव प्रसाद के द्वारा आवेदन किया गया है। पूर्व वर्ष 1990 में यह जमीन अधिग्रहित होना बताया जा रहा है जब 1 डिसमिल भूमि अधिग्रहण पर भी नौकरी देने का प्रावधान था। खातेदार का दावा है कि उसने जमीन उनसे प्राप्त की है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं है बल्कि ऐसे फर्जीवाड़े पर कार्यवाही के लिए एसईसीएल और प्रशासन एक-दूसरे को आगे आने के लिए कह रहे हैं। एसईसीएल का कहना है कि प्रशासन ने सारी प्रक्रियाओं को पूरा किया है और फर्जी है तो उन्हें एफआईआर कराना चाहिए वहीं प्रशासन की ओर से ज्ञात हुआ है कि उक्त नामांकन आवेदन को निरस्त करने के साथ ही संबंधित पर एफआईआर कराने का निर्देश एसईसीएल को दिया गया जो अभी तक नहीं हो पाया है। वही देवेंद्र पांडेय का कहना है कि उन्हें सब जानकारी है और कब क्या करना है, यह उन्हें अच्छी तरह से पता है।
गौरतलब है कि एसईसीएल में नौकरी के हजारों मामले आज भी लंबित हंै और इनमें जो नौकरी प्राप्त कर चुके हैं उनमें 25 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो किसी न किसी जमीन को हासिल कर एवं फर्जी तरीके से किसी खातेदार का रिश्तेदार बनकर नौकरी कर रहे हैं। ऐसे कुछ लोगों पर कार्यवाही व सजा तो हुई है किंतु अधिकांश आज भी मलाई खा रहे हैं और पात्र लोग वर्षों से अपनी उम्र गुजारने के साथ नौकरी के इंतजार में बैठे हैं।
0 1200 से अधिक मामले लंबित, 133 बताए गए पात्र किंतु मुख्यालय में अटके है सभी आवेदन
तत्कालीन भाजपा सरकार में कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री अमर अग्रवाल द्वारा ली गई जिला पुनर्वास समिति की बैठक 14 दिसंबर 2017 को प्रस्तुत किए गए एसईसीएल के आंकड़ों के मुताबिक पुराने रोजगार के लंबित मामले आज भी लंबित है। कुसमुंडा परियोजना क्षेत्र में 628 नामांकन लंबित है जिनमें से बाद में प्रशासन व एसईसीएल के द्वारा कांट-छांट कर 51 लोगों को पात्र पाया जाकर नौकरी के लिए आवेदन प्रक्रिया हेतु 2015-16 में मुख्यालय बिलासपुर भेजा जो आज तक लंबित है। इसी तरह गेवरा परियोजना में लंबित 453 नामांकन में से 41 को पात्र पाया गया। दीपका परियोजना में लंबित 103 नामांकन में से 41 लोगों को पात्र पाया गया किंतु 2015-16 से इन सभी के दस्तावेज मुख्यालय में ही अटके पड़े हैं। सिंघाली परियोजना के भी 94 विस्थापितों का नौकरी संबंधी आवेदन आज तक लंबित है।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)