0 42 गौमाताएं उपचाररत, जिनमें 22 गंभीर रूप से घायल, कमर टूटे 3 कुत्ते भी है यहां
कोरबा(खटपट न्यूज़)। नगर पालिक निगम के द्वारा इन दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया है। अतिक्रमण के दर्जनों नहीं बल्कि सैकड़ों मामले नगर निगम के सभी 67 वार्डों में देखने को मिल जाएंगे परंतु ऐसे अतिक्रमणकारियों पर नगर निगम की निगाह बहुत ही कम पड़ती है और उन्हें अनदेखा कर पहले तो अतिक्रमण करने की छूट दे दी जाती है, बाद में उन्हें सुविधाएं देकर एक तरह से अतिक्रमण को स्थाई करार दे दिया जाता है।
दूसरी ओर ऐसे सेवा केंद्र जो सड़क पर घुमंतू आवारा गौवंशीय मवेशियों के घायल होने पर उनकी तीमारदारी के लिए, सेवा के लिए, उपचार के लिए राताखार बाईपास सर्वमंगला पुल के पास छोटी सी जगह में अतिक्रमण नहीं बल्कि सेवा केंद्र का संचालन कर रहे हैं उन पर नजर टेढ़ी की गई है। नगर निगम के अतिक्रमण दस्ता अधिकारी को खटाल और गौ सेवा केंद्र का शायद फर्क भी नहीं मालूम और वह इस गौ सेवा केंद्र को जहां कि दर्जनों गौवंश के साथ घायल कुत्तों का भी उपचार किया जा रहा है, उसे खटाल बताकर अतिक्रमण करना दर्शा कर हटाने के लिए नोटिस थमा दिया गया है। अभी तो सरकार भी गौसेवा को प्रोत्साहित कर रही है।
कहने को तो नगर निगम क्षेत्र में गौठान और कांजी हाउस भी संचालित हो रहे हैं लेकिन इनकी दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। कांजी हाउस में रखे जाने वाले मवेशियों को भोजन-पानी से लेकर उपचार की सुविधा अनेक मौकों पर भगवान के भरोसे रहती है। सड़क पर घूमते हुए मवेशियों को कोई भी वाहन चालक ठोकर/टक्कर मार कर निकल जाता है लेकिन उसकी तीमारदारी के लिए न तो नगर निगम न तो प्रशासन और न ही पशु चिकित्सा विभाग सामने आता है, तब ऐसे में जनता को इन्हीं गौ सेवकों की याद आती है। यहां तक कि निगम के काँजी हाउस मे भी अनेकों बार गौमाताओं की सेवा इन्हीं गौ सेवा केंद्र के सेवकों द्वारा किया गया हैं।। जब यही गौ सेवक एक स्थान पर गौ सेवा का काम निःशुल्क कर रहे हैं, बीमार मवेशियों को उपचार की सुविधा मुहैया करा रहे हैं, उनकी टूटी हड्डियां जोड़ रहे हैं, वह भी अपने संसाधन और कुछ सेवा भावी दानदाताओं से सहयोग लेकर, तो यह नगर निगम के अधिकारियों की नजर में कभी खटाल तो कभी अतिक्रमण बनकर खटक रहा है।
नगर निगम इसे खटाल बताकर हटाने के लिए दबाव डाल रहा है। दूसरी ओर टीम रातों रात सड़कों के किनारे निगम की जमीन पर अतिक्रमण कर छोटे-बड़े मकान- दुकान बना रहे लोगों पर उनकी निगाह नहीं पड़ती। इस तरह की कार्रवाई को गौ सेवक अनुचित करार दे रहे हैं। गौ सेवकों ने मांग की है कि यदि इन्हें यहां से हटाया जा रहा है तो एक उचित व्यवस्था और स्थान प्रदान किया जाए जहां वे बीमार मवेशियों की सेवा के इस कार्य को सुचारू रूप से कर सकें
00 सत्या पाल 00 (7999281136)