0 जड़ी-बूटी का ऑर्डर के नाम पर 60 हजार ऑनलाइन ट्रांसफर, 2 हजार नगद ले गए, दो आरोपी गिरफ्तार
कोरबा-कुसमुंडा(खटपट न्यूज़)। बीपी-शुगर का ईलाज जड़ी-बूटी से करने के नाम पर दवाई का आर्डर देने का झांसा देकर 62 हजार की धोखाधड़ी कर ली गई। ठगी के दो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है जो सीतामणी के होटल राज में ठहरे थे।
जानकारी के अनुसार कुसमुंडा थाना अंतर्गत कबीर चौक निवासी बेनेदिक तिर्की पिता स्व. अल्फोन्स तिर्की 65 वर्ष ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 23 जुलाई को शाम 6 बजे दो व्यक्ति मोटर सायकल से उसके घर आए जिन्होंने अपना नाम अभिलाष पोर्ते व आकाश नेताम बताया और बोले कि हम लोग वैद्य हैं शुगर, बीपी की बीमारी का जड़ी-बूटी से उपचार करते हैं। कोसमनारा रायगढ़ में जड़ी-बूटी का फार्म है। इस पर बेनेेदिक ने अपने शुगर, बीपी बीमारी के बारे में उन लोगों को बताया। दोनों युवकों ने दवाई महंगा है, उसे आर्डर देकर मंगवाना पड़ेगा जिसकी कीमत 62 हजार 880 रूपये है कहकर बेनेदिक से नगद 60 हजार रूपये तथा गूगल पे के माध्यम से 2 हजार रूपये लेकर चले गये। दूसरे दिन वे दवाई लेकर नहीं पहुंचे तो बेनेदिक को उसके साथ धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
इस आधार पर कुसमुंडा पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध धारा 420, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की। एसपी भोजराम पटेल के निर्देशन में कुसमुण्डा थाना प्रभारी लीलाधर राठौर के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई। आरोपियों के मोबाईल नंबर के लोकेशन के लिए सायबर सेल से मदद ली गई तो पता चला कि उक्त दोनों आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद राज होटल सीतामढ़ी में छिपकर ठहरे हुये हैं जिन्हें होटल से बरामद कर थाना लाया गया। आरोपी अभिलाष पोर्ते पिता लक्षन पोर्ते 26 वर्ष निवासी ग्राम खम्हरिया, पो. छत्तौर थाना नेवरा तिल्दा जिला रायपुर व आकाश नेताम पिता स्व. शंकर नेताम 22 वर्ष निवासी ग्राम खपरीकला थाना नेवरा-तिल्दा जिला रायपुर के कब्जे से जड़ी-बूटी से भरा 2 बैग व 60 हजार रूपये नगद तथा वारदात में प्रयुक्त मोबाईल व मोटर साइकिल क्रमांक सीजी-4 एमएस 2183 को जप्त कर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कराया गया। उक्त कार्यवाही में एसआई शिवकुमार धारी, कृष्णा साहू, एएसआई दुर्गेश राठौर, परमेश्वर राठौर, आरक्षक सुशांत टोप्पो, महेन्द्र चंद्र व योगेन्द्र आदिले की भूमिका रही।
0 किरायेदार व मुसाफिरों की नहीं देते जानकारी
बता दें कि जिले के मकान मालिकों और होटल/लॉज संचालकों को अनेक बार हिदायत दी गई है, अपील की गई है कि उनके यहां रहने वाले किराएदारों व लॉज में ठहरने वाले मुसाफिरों की पूरी जानकारी पता प्रमाण पत्र सहित क्षेत्र के थाना-चौकी में नियमित तौर पर दिया जाए, परंतु इसका पालन कुछ दिनों तक कुछ लोग ही करते हैं। इसके बाद सब वही पुराने ढर्रे पर चल पड़ता है। पहले भी अनेक गंभीर मामलों/वारदातों में पकड़े गए आरोपी किराए के मकान/लॉज में ठहरे हुए मिले। इन्हें किराए के ठिकाने से पकड़ा गया साथ ही विवेचनाओं में इनके कोरबा के किसी इलाके में किराए के मकान में अथवा लॉज में कमरा लेकर ठहरने का पता चलता रहा जो वारदात के बाद फरार मिले। हालांकि ऐसे अनेक मामलों में पुलिस आरोपियों के गिरेबान तक पहुंची भी लेकिन लोकल इनपुट की जानकारी के अभाव में कुछ मामले आज भी अनसुलझे हैं। बाहरी लोगों व किरायेदारों की जानकारी देने की अनिवार्यता को सख्ती से लागू कराने की जरूरत है। यहां यह भी ज्ञात हुआ है कि चोरी का भैंस खरीदने वाले रायपुर के जिस आरोपी को तलाशा जा रहा है, वह सीतामणी के एक लॉज में 26 जून से 13 जुलाई तक ठहरा था, पर क्यों? उसकी तलाश अभी अधूरी है। इसी क्षेत्र से करीब 6 माह पहले हुई 11 भैसों की चोरी का मामला अभी अनसुलझा है जिसके बारे में उक्त फरार आरोपी पर ही संदेह किया जा रहा है।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)