0 आजाक थाना में की गई लिखित शिकायत
कोरबा(खटपट न्यूज़)। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी मर्यादित, डंगनिया रायपुर के मानव संसाधन अधिकारी मुख्य अभियंता रविन्द्र पाठक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए आदिम जाति कल्याण थाना में लिखित आवेदन पेश किया गया है। इन पर जातिगत दुर्भावना रखते हुए पदोन्नति आदेश जारी करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।
आजाक थाना, कोरबा में की गई शिकायत में कहा गया है कि मुख्य अभियंता मानव संसाधन रविन्द्र पाठक के द्वारा जातिगत दुर्भावना रखते हुए अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति आदेश क्रमांक 03-11/ डी.जी.एम -2/ 1979 रायपुर दिनांक 30.06.2020 के द्वारा संयंत्र सहायक श्रेणी- (दो) इलेक्ट्रीकल से संयंत्र संयंत्र सहायक श्रेणी- (एक) इलेक्ट्रीकल के पद पर पदोन्नति नहीं किया गया है। उपरोक्त आदेश में अनुसूचित/ जनजाति वर्ग के कर्मचारियों के वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए केवल सामान्य वर्ग के लोगों को अनारक्षित श्रेणी के विरूद्व पदोन्नत किया गया है। चूंकि अनारक्षित श्रेणी सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित न होकर समस्त वर्गों के लिए होता है, जिसे रविन्द्र पाठक के द्वारा नियमों को दरकिनार करते हुए अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग के लोगों के प्रति जातिगत दुर्भावना रखते हुए शारीरिक, मानसिक, आर्थिक रूप से प्रताड़ित करते हुए पदोन्नति से वंचित किया गया है। इस संबंध में हम प्रताड़ितो द्वारा व्यक्तिगत रूप से रविन्द्र पाठक से चर्चा किया गया लेकिन उनके द्वारा हमारे बातों को अनसुना करते हुए किसी भी तरह से सकारात्मक पहल न करते हुए हमारे समस्याओं को सिरे से नकार दिया गया। जिससे आहत होकर हमें अपने अस्तित्व एवं हितों के रक्षा हेतु विवश होकर एफआईआर करना पड़ रहा हैं। रविन्द्र पाठक के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत् प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है।आजाक थाना में की गई शिकायत पर उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में जांच की जा रही है।
ज्ञात हो कि विगत दिनों छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल की विभिन्न शाखाओं में पदोन्नति प्रक्रिया में वरिष्ठता के बाजवूद अनुसूचित जाति-जनजाति का नाम नहीं शामिल करने और अनारक्षित श्रेणी को सामान्य समझा जाने के बारे में सोशल जस्टिस एंड लीगल सेल के कोऑर्डिनेटर विनोद कोसले सहित प्रतिनिधि मंडल की रायपुर में विद्युत विभाग राज्य कार्यालय में मुख्य अभियंता मानव संसाधन रविन्द्र पाठक के साथ चर्चा के दौरान बहस भी हुई थी। हालांकि श्री पाठक ने आरोपों को सिरे से खारिज कर नियमों के तहत कार्य करने की अपनी बात भी रखी। दूसरी तरफ पदोन्नति प्रक्रिया में मनमानी कर वरिष्ठ एससी-एसटी को छोड़ कनिष्ठ गैर एससी-एसटी को पदोन्नति देने के खिलाफ प्रतिनिधिमंडल में शामिल लीगल सेल के को-ऑर्डिनेटर अनिल बनज, विनोद कुमार कोशले, विद्युत विभाग संघ से बी.एल.आर्या, शशांक ढाबरे, पकोरबा प्लांट से सोहन बंजारे, लाल सिंह राज, धरम पाल सिंह, चैन कुमार बघेल, मड़वा प्लांट से दिलीप कोसरे, जीत राम खूंटे, राम भरोस मरावी ,जीवन पाल सिंह, रितेश हनौतिया, जसवंत भारिया, दाऊ राम खांडे, देव प्रसाद चतुर्वेदी आदि ने अनुसूचित जाति व जनजाति के साथ भेदभाव कर रहे दोषियों के विरुद्ध एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करानेे की चेतावनी दी थी।