भोपाल। कोरोना वायरस से निपटने वन विभाग ने नई पहल की है। विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान चलाकर मास्क व साबुन का वितरण कर रहे हैं। वनमंडल उत्तर बैतूल के परिक्षेत्र भौंरा में सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त आदिवासी महिलाओं के अरण्य स्व-सहायता समूह द्वारा वन विभाग के सहयोग से भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार कॉटन के कपड़े से मास्क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। यह मास्क ‘होम मेड मास्क की श्रेणी में आता है, जो कोरोना वाइरस के संक्रमण को रोकने में 70 प्रतिशत तक सफल है। इसे धोने के बाद कई बार उपयोग किया जा सकता है। इस मास्क को अल्ट्रा वायलेट लाइट तकनीकी से संक्रमित रहित (सेनिटाईज) किया जा रहा है। समूह द्वारा 10 हजार मास्क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। समूह द्वारा पिछले 24 मार्च से 2 अप्रैल तक 5000 मास्क निर्माण किए जाकर वितरित किए जा चुके हैं।
होम मेड मास्क प्राथमिकता के आधार पर वन अमले, वन सुरक्षा में लगे सुरक्षा श्रमिक तथा ऐसे ग्रामीणों, जो ग्राम से बाहर किसी कार्य से गए थे एवं वापस लौटे हैं एवं ऐसे व्यक्ति, जिन्हें आकस्मिक कार्य से बाहर जाना पड़ता है और मास्क क्रय करने में समर्थ नहीं है, उन्हें विभाग की संयुक्त वन प्रबंध समितियों के माध्यम से नि: शुल्क वितरित किए जा रहे हैं। इस काम में वन कर्मचारी एवं वन समितियाँ सक्रियता से भाग ले रही हैं। मास्क वितरण का काम सभी वन परिक्षेत्रों में किया जा रहा है। वन समितियों में मास्क वितरण के साथ-साथ हाथ धोने के लिये साबुन भी प्रदाय किया जा रहा है। ग्रामीणों को समय-समय पर हाथ धोने एवं मास्क को पुन: उपयोग के पूर्व साबुन से गरम पानी में धोकर पाँच घंटे तेज धूप में सुखाने की समझाइश भी दी जा रही है।
कोरोना से निपटने वन विभाग की नई पहल, मास्क व साबुन का वितरण कर ग्रामीणों को कर रहे जागरूक
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