कोरबा(खटपट न्यूज़)। कोरोना की जांच करने से लेकर इसकी रिपोर्ट तैयार करने और कंट्रोल रूम तक पहुंचाने के बाद वहां से संबंधित को इसकी सूचना देने के बीच जरा सी भी चूक किसी को भी मुसीबत में डाल सकती है। कोरबा जिले में इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं लेकिन चूक थमने का नाम नहीं ले रही। जांच में निगेटिव आने वाले व्यक्ति को पॉजीटिव बता देने से उसकी और परिवार की परेशानी अच्छी खासी बढ़ जाती है।
इस तरह का एक और मामला नगर पालिक निगम कोरबा जोन के सीतामणी क्षेत्र में सामने आया। करीब 15 दिन पहले अशोक साहू की मां का निधन हो गया और परिजनों ने अंतिम संस्कार व इसके बाद की रस्मों को कोविड प्रोटोकाल में पूरा किया। इस दौरान अशोक साहू पुन: संक्रमित हो गया और होम आइसोलेट रहकर ईलाज पूरा किया। 11 मई को दुबारा जांच में वह निगेटिव पाया गया। अशोक साहू व उसके परिजन ने राहत ली लेकिन कोविड कंट्रोल रूम और नगर निगम से बार-बार आ रहे फोन ने परेशान कर दिया कि उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। इससे अशोक भी हैरान हो गया। इधर नगर निगम कर्मी ने अशोक के घर के सामने कोरोना पॉजीटिव का स्टीकर भी चिपका दिया। अशोक ने अपनी रिपोर्ट के संबंध में नगर निगम और कंट्रोल रूम को अनेकों बार फोन कर अवगत कराया और आखिरकार घर के सामने चिपकाया स्टीकर हटाया गया। निगम अमले ने इसके लिए माफी भी मांगी और स्वीकार किया कि कम्प्यूटर ऑपरेटर की गलती के कारण इस तरह की स्थिति निर्मित हुई है।
याद रहे इससे पहले पाली विकासखंड में भी मामला सामने आया जब एक युवक द्वारा कोरोना की जांच कराए बगैर ही उसके घर के सामने पॉजीटिव का स्टीकर चिपका दिया गया। युवक दौड़ा-भागा सरकारी अस्पताल पहुंचा और जांच कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई।