0 किसका दबाव है जो उन गुंडों को छोड़ दिया गया : प्रशांत महतो
रायपुर (खटपट न्यूज़)। समाजसेवी संस्था चरामेति के डायरेक्टर प्रशांत महतो ने बताया कि 30 अप्रेल को राजकुमार कॉलेज रायपुर के सामने पेट्रोल पंप में जब हमारे कार्यकर्ता भोजन वितरण करते समय पेट्रोल डलवाने के लिए गए तब दूसरी तरफ गलत दिशा से फोन पर बात करते हुए आवेज बेग अपने दोस्त के साथ कट मारते हुए सामने गाड़ी खड़ा करता है और उल्टा बहसबाजी पर उतारू हो जाता कि तूने गाड़ी को टक्कर मारी जबकि गाड़ी वह गलत तरीके से चलाते आया और कोई टक्कर नही लगी थी। हमारे चरामेति के कार्यकर्ता ने जब उससे सही ढंग से बात करने की बात की तो हुज्जतबाजी करने लगा।
मंगलबाजार वाले एरिया में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज को सताक्षी मंदिर के सामने भोजन देने के लिए रुके थे, उनके परिजन को कॉल करके लड़को ने बुलाया और इंतजार कर रहे थे, इतने में आवेज बेग फिर वहां आ गया और फिर बहस करने लगा और अपने दोस्तों को बुलाकर मारपीट शुरू कर दी, लात घूसों से हर तरह से मारा। अगर एक दो सज्जन बीच मे नही आते तो वह हमारे लड़को को मार ही डालता।
कल घटना के बाद जब पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाने हम गए तो मेडिकल कराने के बाद भी हमारी रिपोर्ट नही लिखी जा रही थी पुलिस वाले सिर्फ कड़ी कार्यवाही की बात कर रहे थे। मैंने कई समाजसेवी जनों, प्रशासन, और उच्च पुलिस अधिकारियों से अपील की, तब गौरीशंकर श्रीवास ने भी अधिकारियों से कहकर इसमें मदद की और प्राथमिकी दर्ज हुई। प्राथमिकी में भी जमानती धारा लगाया गया और लड़कों को पकड़कर लाये, गाड़ी जब्त की वह लड़का वहां भी हुज्जतबाजी करने लगा, वहां भी मारने को आतुर हो गया था। जब हम वहां से निकले तो बाद में लड़कों को पुलिस ने छोड़ दिया।
आज लोग घर से निकलने में डर रहे और ईधर चरामेति के कार्यकर्ता जान जोखिम में डालकर लोगों भोजन, दवाई, राशन, पहुंचा रहे हैं उनको इस तरह से मारपीट करने वालों को हमारा समाज, पुलिस वाले संरक्षण दे रहे है तो समझा जा सकता है कि गुंडों से भरा समाज का निर्माण हम कर रहे हैं।
आज विषम परिस्थितियों में सेवा देने वालों को frontline वर्कर माना जा रहा है, धारा 144 लगी हुई है ऐसी स्थिति में उन गुंडों पर गैरजमानती धारा, प्रशासनिक कार्य मे बाधा डालने, प्रशासनिक सेवक को जानलेवा हमला करने, की धारा लगाकर अंदर करना चाहिए। लड़के इतना मार खाने के बाद भी शाम को अस्पतालों एवं मरीजों को भोजन देने गए थे, उनकी हिम्मत को सलाम।
प्रशांत महतो ने अपील की है कि दोषी को ऐसी सजा मिले कि आगे किसी को हिम्मत न हो ऐसा कार्य करने की। यदि ऐसा नही हुआ तो थाने के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।