
राजधानी में लाॅकडाउन के दौरान इस बार सब्जी-किराना और आम लोगों के लिए पेट्रोल-डीजल जैसी सुविधा बंद की जा रही है, लेकिन प्रशासन ने साफ किया है कि शादी समारोह या अंतिम संस्कार के लिए जो भी वैध अनुमति लेंगे, उन्हें रोका नहीं जाएगा। लेकिन दोनों ही कार्यक्रमों में कुल 50 से ज्यादा लोगों को ही अनुमति रहेगी।
जिन्होंने पहले से अनुमति ले रखी है, वे लाॅकडाउन में भी अपने आयोजन कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत कर सकेंगे। इसी तरह, प्रशासन दूसरे जिलों में जाने या वहां से आने के लिए कल गुरुवार को नया लिंक जारी करेगा, जिसमें आवेदन कर ई-पास लिए जा सकेंगे। चूंकि आम लोगों की जरूरत की अधिकांश चीजें 10 दिन बंद रहेंगी, इसलिए इस बार लाॅकडाउन सख्त किया जा रहा है। पुलिस की टुकड़ियां इस दफा गली-मोहल्लों में भी सुबह और शाम यानी दो बार गश्त लगाएंगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ इस बार नोटिस न देकर सीधे एफआईआर कराई जाएगी।
शादी और अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन की अनुमति अनिवार्य होगी। शादी में वर-वधू दोनों पक्षों से केवल 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। शादी समारोह में किसी भी तरह का सार्वजनिक भोज, बैंड-बाजा और डीजे प्रतिबंधित होगा। केवल विवाह की रस्में पूरी की जाएंगी। इसी तरह, दूसरे राज्यों से रायपुर आने वाले लोगों को ई-पास के लिए ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य कर दिया गया है। इसका लिंक गुरुवार को जारी होगा, जिसे मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है। जिला प्रशासन की वेबसाइट पर भी यह लिंक दिया जाएगा। रायपुर से दूसरे राज्यों में जाने वाले लोग टिकट दिखाकर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड में जा सकेंगे। वहां से आने वाले यात्री भी अपने घरों में जा सकते हैं। रायपुर से दूसरे जिलों में जाने वाले लोग भी टिकट दिखाकर जा सकेंगे।
राजधानी में नए कोविड केयर सेंटर तैयार, इनमें 2330 बेड
कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने बताया कि कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 2330 बिस्तर वाले कोविड सेंटर तैयार कर लिए गए हैं। वर्किंग वूमन हॉस्टल फूंडहर में 270 बिस्तरों का सेंटर बन गया है, जिसमें 20 ऑक्सीजन वाले बेड हैं। इसी तरह होटल मैनेजमेंट उपरवारा में 400, आयुष विवि नवा रायपुर में 400, साइंस कॉलेज हीरापुर में 300, प्रयास विद्यालय गुढ़ियारी और सड्डू में 300-300 तथा ईएसआई अस्पताल में 200 बिस्तर तैयार कर लिए गए हैं। तीन दिन में इंडोर स्टेडियम में नया कोविड सेंटर तैयार कर लिया जाएगा। इसमें 260 बेड होंगे, जिसमें 50 ऑक्सीजन वाले बिस्तर होंगे। कलेक्टर ने बताया कि जिले के हर ब्लाॅक में 100-100 बिस्तर के अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। इसमें दो ब्लॉक में कोविड सेंटर तैयार हो गए हैं।
व्यापारियों ने मांगी राहत
लॉकडाउन के फैसले से पहले कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ चैंबर, कैट, फिक्की समेत कई व्यापारी संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। चैंबर अध्यक्ष अमर पारवानी ने कई सुझाव भी दिए। कलेक्टर ने उन पर गंभीरता से काम करने का आश्वासन दिया। चैंबर के पूर्व चेयरमैन योगेश अग्रवाल, राजेश वासवानी, ललित जैसिंघ ने प्रशासन से मांग की है कि वे छोटे कारोबारियों को दुकानें खोलने की अनुमति दी। सब्जी, किराना, फल आदि का व्यापार करने वाले छोटे कारोबारियों को कुछ घंटे की मोहलत दी जाए, ताकि वे आर्थिक परेशानियों से न घिर जाएं। इससे आम लोगों को भी राहत मिलेगी क्योंकि सभी परिवार एक साथ 10 दिन का राशन स्टाक करें, यह संभव नहीं है।
वैक्सीनेशन-जांच पर असर नहीं
लॉकडाउन के दौरान अस्पताल, कोविड केयर सेंटर, वैक्सीनेशन और सैंपल जांच का काम जारी रहेगा। इन कामों पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं रहेगी। कोविड सेंटर से डिस्चार्ज होने वाले मरीज गाड़ियों से अपने घरों तक जा सकेंगे। ऐसे मरीजों के लिए शासकीय गाड़ियां उपलब्ध रहेंगी।
कोविड-19 के टीकाकरण पंजीयन, कोरोना जांच और दूसरी मेडिकल जांच के लिए पैथालॉजी लैब का संचालन होता रहेगा। लोग जरूरी मेडिकल दस्तावेज या आधार कार्ड लेकर टीकाकरण केंद्र, अस्पताल, पैथालॉजी लैब में जा सकेंगे। टीकाकरण केंद्रों तक जाने के लिए लोग अपने निजी वाहनों का भी इस्तेमाल कर सकते है। बुजुर्गो के लिए सवारी गाड़ियां भी रहेंगी लेकिन जांच में उन्हें पहचान पत्र दिखाना होगा।