कोरबा(खटपट न्यूज़)। कार्यस्थल में फेरबदल का आदेश अधीनस्थ कर्मी के लिए पालनीय होता है किंतु कोरबा जिले में बेलगाम होती नौकरशाही के बीच पंचायत के सचिव भी मनमानी पर उतर आए हैं। आदेश के 23 दिन बाद भी पंचायत का प्रभार नहीं छोड़ना आखिर किस इरादे और मानसिकता को दर्शाता है, यह तो जनपद पंचायत कोरबा के ग्राम बरपाली के सचिव मनशोधन यादव ही जानें लेकिन आदेशों की अवहेलना कहां तक जायज है?
बता दें कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार के द्वारा दिनांक 27 फरवरी 2021 को आदेश जारी कर कुरुडीह और बरपाली सचिव के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया गया है।
बरपाली सचिव मनशोधन यादव को गिरारी भेजा गया है लेकिन उनके द्वारा तबादला आदेश को ठेंगा दिखाते हुए प्रभार नहीं दिया जा रहा है।
जिला पंचायत सीईओ ने आदेश प्राप्ति के 3 दिवस के भीतर कुरुडीह के सचिव कन्हैयालाल धीरहे को बरपाली का प्रभार देने के लिए कहा है लेकिन 23 दिन बीत जाने के बाद भी बरपाली सचिव मनशोधन यादव के द्वारा प्रभार नहीं सौंपा गया है। दूसरी ओर सचिव कन्हैयालाल धीरहे अपने पंचायत का प्रभार छोड़कर नए कार्यस्थल पर प्रभार लेने की कोशिश में लगे हैं। उन्होंने जिला पंचायत सीईओ को लिखित आवेदन सौंपकर प्रभार दिलाए जाने का आग्रह किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि ग्राम पंचायत बरपाली के स्थानांतरित हो चुके सचिव आखिर ऐसी हिमाकत क्यों और किसके बलबूते कर रहे हैं? देखना है कि सीईओ अपने आदेश का पालन करा पाते हैं या नहीं और भटक रहे सचिव धीरहे को कब तक बरपाली पंचायत का प्रभार मिल पायेगा?