Monday, December 23, 2024
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ससुरालियों से प्रताड़ित होती रही बहू, शिकायत पर पुलिस ने थमा दी 155 की नोटिस… न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ अपराध

कोरबा-दर्री (खटपट न्यूज)। संज्ञेय मामलों की इत्तला प्राप्त होने पर थाना प्रभारी का दायित्व है कि वह प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर जांच प्रारंभ करे। यह आज्ञापक विधि है जिसका पालन करना थाना प्रभारी का कर्तव्य है किंतु दर्री थाना प्रभारी के द्वारा उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा प्रतिपादित इस विधि का पालन नहीं किया गया। दहेज व अन्य कारणों से ससुरालियों की प्रताड़ना, मारपीट का शिकार हो रही बहू की शिकायत पर संज्ञान न लेकर धारा 155 की पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की सूचना थमा कर न्यायालय जाने की सलाह दी गई। पीड़िता ने न्यायालय की शरण ली। आदेश उपरांत ससुरालियों के विरुद्ध पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक दर्री थानांतर्गत गोपालपुर निवासी दीप्ती भारिया का विवाह 16 मई 2013 को ग्राम बिरबट कटघोरा निवासी अनिल कुमार भारिया के साथ हुआ था। विवाह के 2 माह बाद जब दीप्ति ने अपनी अंतिम वर्ष की पढ़ाई पूरी करनी चाही तब उसे पति के साथ मायके में रहकर पढ़ने के लिए कहा गया। बाद में पति अनिल के अलावा ससुर बंशीलाल, सास संतन बाई, देवर अजय कुमार के द्वारा दीप्ति को मायके से पैसे लाने के लिए कहा जाता रहा। शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ना भी दी जाने लगी। उसे खाना भी नहीं दिया जाता था जबकि यह जानकारी होने पर उसके माता-पिता द्वारा हर महीने का राशन व साग-सब्जी की पूर्ति की जाती रही। 26 सितंबर 2014 को उसने एक पुत्र को जन्म दिया और दूसरे ही दिन उसे अकेला छोड़कर सभी ससुरालीजन गांव चले गए। मां-बेटे की तबीयत खराब होने पर पति के द्वारा इलाज नहीं कराया गया बल्कि मायके में छोड़ दिया। 2014 से पिता के घर रह रही दीप्ति को 2018 में सगाई कार्यक्रम के लिए पति ने ससुराल लाया और 8 दिन रहने के दौरान शराब पीकर मारपीट कर पैसे की मांग सभी के द्वारा की जाती। 26 मई 2018 को दीप्ति ने इसकी शिकायत दर्री थाना प्रभारी से की, कार्रवाई न होने पर 22 जून 2018 को पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। इसके उपरांत दर्री थाना से 9 दिसंबर 2018 को धारा 155 दंड प्रक्रिया संहिता का नोटिस थमा दिया गया। थाना प्रभारी के इस कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए व अपने प्रताड़ना पर कार्रवाई हेतु पीड़िता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटघोरा के समक्ष धारा 156 (3) दंप्रसं के तहत परिवाद प्रस्तुत किया। उसने बताया कि उसके साथ किया गया कृत्य धारा 498 ए के तहत संज्ञेय अपराध है फिर भी उसे पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की सूचना दी गई जो विधि विरुद्ध है। न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश उपरांत दर्री थाना में आरोपियों अनिल कुमार, बंशीलाल, संतन बाई व अजय कुमार भारिया के विरुद्ध धारा 498 (ए), 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

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