कोरबा(खटपट न्यूज)। ट्रांसपोर्टर के द्वारा रिश्तेदार को वाहन फायनेंस कराने के लिए दिए गए दस्तावेजों का कूटरचना पूर्वक उपयोग कर कर्ज में अन्य लोगों के द्वारा हाईवा फायनेंस कराने के मामले में ट्रांसपोर्टर की रिपोर्ट पर अपराध दर्ज कर लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रवीश अग्रवाल 41 वर्ष निवासी कवर्धा ट्रांसपोर्टर है। उसने इंडसइंड बैंक शाखा कवर्धा से अपने पांच ट्रकों का फायनेंस कराया है। प्रवीश के रिश्तेदार लैलूंगा रायगढ़ निवासी महेश मित्तल के द्वारा 2018 में टाटा वाहन क्रय करने का मन बनाया गया। लैलूंगा में ही दीपमाला जायसवाल व अनिल जायसवाल निवासरत हैं। साथ में दीपमाला का चचेरा भाई चाईबासा झारखंड निवासी शरद जायसवाल भी रहता है। महेश मित्तल को शरद जायसवाल ने टाटा मोटर्स फायनेंस कंपनी लिमिटेड कोरबा शाखा के अधिकारी-कर्मचारी से पहचान होने का जिक्र कर वाहन फाइनेंस कराने कहा। इसके लिए गारंटर व उसके दस्तावेज मंगाया। प्रवीश ने महेश के लिए आवश्यक दस्तावेज दिया व गारंटर बना जिससे महेश ने टाटा हाइवा वाहन क्रमांक ओडी-09 जी-9895 को फायनेंस कराया। इसके बाद मार्च 2019 में प्रवीश को टाटा मोटर्स फायनेंस के कोरबा शाखा से फोन किया गया कि दीपमाला और अनिल जायसवाल ने वर्ष 2018 में हाईवा वाहन पंजीयन क्रमांक ओडी-09 डी-9893 को फायनेंस कराया है। यह जानकर प्रवीश के होश उड़ गए क्योंकि वह इनका कभी गारंटर बना ही नहीं। महेश मित्तल को दिए गए प्रवीश के दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षर कर कूटरचित लोन एग्रीमेंट तैयार कर प्रवीश का सिविल स्टेटस भी खराब किया गया, जिसके कारण विभिन्न साइट में प्रवीश को डिफाल्टर दिखाया जाता है। टाटा मोटर्स फायनेंस कंपनी कोरबा शाखा द्वारा प्रवीश का नाम दीपमाला व अनिल जायसवाल के लिए गारंटर के तौर पर दर्ज किया गया है जिसके कारण प्रवीश को डिफाल्टर मानकर लोन नहीं दिया जा रहा व उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। प्रवीश की रिपोर्ट पर कोतवाली पुलिस ने टाटा मोटर्स फायनेंस कंपनी शाखा टीपी नगर के तत्कालीन अधिकारी-कर्मचारी एवं शरद जायसवाल, दीपमाला जायसवाल, अनिल जायसवाल के विरुद्ध धारा 420, 34 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की है।