0 सचिव द्वारा 14 वें वित्त के 3 लाख रुपये के गबन की शिकायत पर हुई जांच में खुलासा
कोरबा-पाली,(खटपट न्यूज़)। पंचायत चुनाव के लिए लागू आचार संहिता के दौरान ग्राम पंचायत रतखंंडी के सरपंच द्वारा 14वें वित्त की राशि से 3 लाख रुपए आहरण कर गबन कर लेने के मामले में जांच उपरांत नया खुलासा हुआ है। इस जांच की सत्य प्रतिलिपि आरटीआई से प्राप्त होने पर ज्ञात हुआ है कि स्टीमेट जारी होने के 6 माह पहले ही 2 लाख की लागत का पेयजल व्यवस्था का कार्य कागजों में पूर्ण दिखा दिया गया।
ज्ञात हो कि गबन के इस मामले में ग्राम पंचायत रतखंडी के सचिव चंद्रिका प्रसाद तंवर के द्वारा तत्कालीन सरपँच श्रीमती सरस्वती देवी के फर्जी हस्ताक्षर से उक्त राशि आहरण कर गबन किये जाने की शिकायत तत्कालीन सरपंच ने पाली जनपद सीईओ से की थी। जनपद सीईओ एमआर कैवर्त द्वारा 3 सदस्यीय टीम सी के आदिले, जी एस नेटी व जी एस पैकरा से जांच कराई गई। सूचना का अधिकार के तहत सम्पूर्ण जांच रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति उपलब्ध होने पश्चात सचिव का यह कारनामा सामने आया कि कार्य का स्टीमेट जारी होने के लगभग 6 माह पूर्व ही पेयजल व्यवस्था हेतु 2 लाख की लागत का निर्माण कागजों में पूर्ण करा लिया गया था। उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार आश्रित मोहल्ला राईकछार में बोर खनन, पम्प फिटिंग, सिन्टेक्स स्थापित एवं हैण्डपम्प मरम्मत, वाइंडिंग कार्य कराए जाने का 2 लाख भुगतान आईसीआईसीआई बैंक से 16 जनवरी 2020 को किया जाना प्रदर्शित है जबकि उक्त कार्य का स्टीमेट पीएचई विभाग कटघोरा द्वारा 16 जुलाई 2020 को पंचायत के लिए जारी किया गया है।
जांच अधिकारियों द्वारा जांच पूर्ण कर तथा प्राथमिक शाला मरम्मत कार्य के लिए 3 फरवरी 2020 को 1 लाख की राशि आहरण कर मरम्मत कार्य नहीं कराए जाने के मामले में 1 लाख की वसूली योग्य रिपोर्ट तैयार कर जनपद सीईओ को सौंप दिया गया जिसमें स्कूल मरम्मत के नाम पर जो बिल सचिव द्वारा जांच टीम को प्रस्तुत किया गया उसमें 100 बोरी सीमेंट के अलावा 5 ट्रेक्टर गिट्टी तथा 7 ट्रैक्टर ईंट का उल्लेख है जो मरम्मत के अनुसार कुछ ज्यादा ही सामग्री प्रतीत होती है। ऐसे में सामाग्री क्रय बिल के आधार पर संबंधित फर्मों का बैंक के माध्यम से राशि लेन-देन की भी जांच की आवश्यकता है।